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काउंसलिंग के लिए आए टीचर्स के लिए न बैठने की व्यवस्था और न पीने के पानी की

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM)एक घंटा पहलेकॉपी लिंकजमीन पर बैठे शिक्षकगण।गुरू का स्थान हमारे देश में बहुत ऊंचा माना जाता है, लेकिन गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में मंगलवार को उन्हें जमीन पर बिठाया गया। जिला प्रशासन ने न तो उनके बैठने की व्यवस्था की थी और न तो पीने के पानी की। यहां तक कि दिव्यांग शिक्षकों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शिक्षकों की ऐसी उपेक्षा देख स्थानीय लोगों में भी गुस्सा है।जिले में बड़े पैमाने पर प्रधान पाठकों का प्रमोशन होना है। 15 नवंबर को पहले दिन 160 दिव्यांगों और महिला वर्ग के प्रधान पाठकों की काउंसलिंग कलेक्ट्रेट के पास स्थित गुरुकुल के जिमनाजियम हॉल में आयोजित थी। इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में शिक्षक और उनके परिजन यहां पहुंचे। सबसे अधिक यहां दिव्यांग शिक्षक थे, लेकिन यहां आकर वे परेशान हो गए, क्योंकि उनके लिए यहां बैठने की ही व्यवस्था नहीं थी। बाद में ये महिला और दिव्यांग शिक्षक इधर-उधर जमीन पर बैठे हुए दिखाई दिए।दरी पर बैठे शिक्षक।जमीन पर बैठकर ही काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू कराई गई। सबसे बड़ी बात ये है कि इस दौरान संयुक्त कलेक्टर आनंद रूप तिवारी, डीईओ एनके चंद्रा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। जिले के 450 स्कूलों में शिक्षकों की पदोन्नति प्रधान पाठक पद पर होनी है, जिसके लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है। ये काउंसलिंग 2 दिनों तक चलेगी। इधर 9 बजे से शिक्षकों का काउंसलिंग के लिए आना शुरू हो गया था। वहीं कई शिक्षक पीने के पानी के लिए भी परेशान होते दिखे।इधर-उधर भटकते रहे शिक्षक।हालांकि बाद में मीडियाकर्मियों के ध्यान दिलाए जाने पर अधिकारियों ने अपने अधीनस्थों को आवश्यक निर्देश दिए। लेकिन काउंसलिंग शुरू होने तक भी शिक्षकों के बैठने की व्यवस्था नहीं हो पाई। शासकीय आयोजन में इस तरह महिलाओं और दिव्यांगों के लिए सुविधाओं की अनदेखी की सोशल मीडिया में जमकर निंदा हो रही है। वहीं अधिकारियों से इस बारे में पूछने पर वे कोई जवाब नहीं दे सके। गौरतलब है कि शुरुआत में कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी कि जिन स्कूलों में पद रिक्त हैं, उनकी सूची सार्वजनिक नहीं की जा रही है। मीडिया के जरिए अधिकारियों को इस बात की सूचना दी गई थी, जिसके बाद रिक्त स्थानों की सूची बाउंड्री वॉल पर चस्पा की गई थी।

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