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कोविड में फ्लाइट सस्पेंड हुई; रिशेड्यूलिंग पर 8506 रुपए वसूले, नहीं दिया ब्याज

चंडीगढ़। चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने एयर इंडिया को एक पैसेंजर से फ्लाइट की रिशेड्यूलिंग के नाम पर 8,506 रुपए वसूलने को गलत बताया है। ऐसे में एयर इंडिया को आदेश दिए गए हैं कि वह शिकायतकर्ता के 8,506 रुपए 8 प्रतिशत ब्याज के साथ चुकाए। वहीं, 20 हजार रुपए अलग से हर्जाना भरने के आदेश भी दिए गए हैं। यह रकम शिकायतकर्ता को हुई मानिसक प्रताड़ना और अदालती खर्च के रूप में चुकाने को कहा गया है।सेक्टर 45-A की रिंशिका ठुकराल ने एयर इंडिया लिमिटेड और मेक माई ट्रिप नामक ट्रैवल एजेंसी को पार्टी बनाते हुए चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन में पिछले वर्ष शिकायत दायर की थी। कमीशन ने कहा कि मेक माई ट्रिप ने मामले में केवल मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। यदि एयर इंडिया रिफंड जनरेट करता तो यह आगे उसे देता। ऐसे में उसे कोई आदेश नहीं दिए गए।कोविड में फ्लाइट कैंसिल हुई थी; पेरिस से वापसी करनी थीदायर शिकायत के मुताबिक, 11 जनवरी, 2020 को शिकायतकर्ता ने 44,161 रुपए में मेक माई ट्रिप के सेक्टर 8 स्थित ऑफिस से पेरिस से दिल्ली और फिर वापसी की टिकट्स बुक की थी। तय फ्लाइट शेड्यूल के तहत शिकायतकर्ता को 4 अप्रैल, 2020 को पेरिस से नई दिल्ली और 13 अप्रैल को वापस पेरिस जाना था। हालांकि 12 मार्च को शिकायतकर्ता को मेक माई ट्रिप की ईमेल आई। इसमें फ्लाइट की टाइमिंग बदलने की जानकारी थी।फ्लाइट कैंसिल का मैसेज आयाइसके बाद एक मैसेज आया कि किसी कारण से फ्लाइट कैंसिल हो गई है। शिकायतकर्ता ने मेक माई ट्रिप से टिकट का रिफंड मांगा। इस पर 27 मार्च, 2020 को जवाब आया कि देश भर में लगे लॉकडाउन के चलते 25 मार्च, 2020 से 14 अप्रैल, 2020 तक सभी फ्लाइट्स सस्पेंड कर दी गई हैं।रिफंड नहीं, केवल रिडेशेड्यूलिंग का ऑप्शनवहीं कहा कि टिकट की रकम रिफंड का ऑप्शन नहीं है और सिर्फ फ्लाइट्स रिशेड्यूलिंग का ऑप्शन है। ऐसे में एयर इंडिया ने टिकट की रकम का क्रेडिट वाउचर अपनी वेबसाइट पर क्रिएट कर दिया। ऐसे में शिकायतकर्ता सिर्फ भविष्य में ही रिशेड्यूलिंग चार्ज देकर सफर कर सकती थी। शिकायतकर्ता ने दिसंबर, 2020 में ट्रैवलिंग का विचार किया और एयर टिकट की रिशेड्यूलिंग के लिए कहा। काफी प्रयास के बाद 3 नवंबर, 2020 को 4 दिसंबर, 2020 के लिए पेरिस से दिल्ली के लिए फ्रेश टिकट बुक करवाई गई और 10 जनवरी, 2021 की रिटर्न टिकट करवाई।मेक माई ट्रिप ने 44,161 रुपए की पुरानी टिकट रकम का एडजस्ट कर 8,506 रुपए चार्ज किए जबकि आश्वासन दिया था कि रिशेड्यूलिंग चार्ज नहीं लगाए जाएंगे। ऐसे में कंज्यूमर कमीशन में शिकायत दायर की गई थी।यह जवाब किया पेशएयर इंडिया ने जवाब में कहा कि मेक माई ट्रिप एक ट्रेवल एजेंट है और बड़ी संख्या में उससे टिकट बुक करता है। एक बार जब एजेंट को टिकट बेच दी जाती है तो एयरलाइंस की इसकी मॉनिटरिंग या इसमें बदलाव की कोई अथॉरिटी नहीं होती। वहीं मेक माई ट्रिप ने कहा कि वह सिर्फ कस्टमर्स को सुनिश्चित एयर टिकट की बुकिंग की सुविधा प्रदान करने वाला है।शिकायतकर्ता ने कैंसलेशन पॉलिसी के सभी नियम-शर्तों पर अपनी सहमति दी थी। संबंधित एयरलाइंस की कैंसलेशन और रिफंड पॉलिसी से शिकायतकर्ता बंधा हुआ है। इसके लिए मेक माई ट्रिप जिम्मेदार नहीं है। वहीं फ्लाईट की कैंसलेशन और रिशैड्यूलिंग में भी इसका कोई रोल नहीं है।DGCA के सर्कुलर के तहत बनता ब्याज नहीं दियासुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता पक्ष ने कहा कि DGCA के 7 अक्तूबर, 2020 के सर्कुलर के मुताबिक यदि कोविड कंडीशन के चलते फ्लाइट कैंसिल होती है तो 30 जून, 2020 तक एयरलाइंस को 0.5 प्रतिशत ब्याज देना होगा। वहीं 30 जून, 2020 के बाद यह ब्याज 0.75 प्रतिशत हो जाएगा। ऐसे में कहा गया कि एयर टिकट की रकम रिफंड नहीं होने पर एयर इंडिया को ब्याज देना चाहिए था। इसके विपरीत 8,506 रुपए अतिरिक्त वसूले गए।कमीशन ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि फ्लाइट कैंसिल होने की स्थिति में एयर इंडिया को रिफंड जनरेट करना चाहिए था। हालांकि इसे मेक माई ट्रिप के जरिए आगे प्रदान किया जाना चाहिए था जिसने शिकायतकर्ता और एयरलाइंस के बीच कड़ी का काम किया। कमीशन ने मामले में प्रवासी लीगल सेल एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट का हवाला दिया।कमीशन ने कहा कि एयर इंडिया को 44,161 रुपए पर 0.5/0.75 प्रतिशत का ब्याज जोड़ना चाहिए था। इसकी बजाय उसने कैंसिल फ्लाइट की रिशेड्यूलिंग के नाम पर 8,506 रुपए की अलग से रकम वसूली। इसे एयर इंडिया की सेवाओं में कोताही बताया गया क्योंकि इसने आश्वासन दिया था कि रिशेड्यूलिंग बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के की जाएगी। 8,506 रुपए वसूलना न्यायोचित नहीं दिखता।

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