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बंदी सिखों की रिहाई व SGPC में आरएसएस की दखलअंदाजी के खिलाफ निकाला मार्च

अमृतसर: बंदी सिखों की रिहाई के लिए निकाला गया रोष मार्च।बंदी सिखों की रिहाई और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) में आरएसएस व बीजेपी की दखलअंदाजी के खिलाफ वीरवार गोल्डन टेंपल के बाहर विरासती मार्ग पर रोष मार्च निकाला गया। SGPC जनरल सचिव व सिख स्टूडेंट फेडरेशन गरेवाल के प्रधान गुरचरण सिंह गरेवाल ने आरएसएस व बीजेपी को सिख मसलों से दूर रहने की हिदायत दी है।रोष मार्च में भाग लेते हुए बंदी सिख।सिख स्टूडेंट फेडरेशन की तरफ से गोल्डन टेंपल व विरासती मार्ग पर रोष मार्च निकाला गया। पीली पगड़ियां बांधे सिख युवकों ने गुरचरण सिंह गरेवाल के साथ संतोख सर साहिब गुरुद्वारा के बाहर से इस मार्च को शुरू किया और यह मार्च श्री अकाल तख्त साहिब पर जाकर संपन्न हुआ। इस दौरान बीजेपी व आरएसएस के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया। गुरचरण सिंह गरेवाल ने बताया कि SGPC को सिखों की सिरमौर संस्था का दर्जा दिया गया है। इसके बावजूद लगातार इनके मसलों में दखल अंदाजी की जा रही है।बंदी सिखों को रिहा करने की उठाई मांगइस बार फिर सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन बंदी सिखों को रिहा करने के मुद्दे को उठाया है। गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि सरकारें बंदी सिखों को रिहा नहीं कर रही, जबकि उनकी सजाएं कई सालों पहले ही पूरी हो चुकी हैं। मसला यहां भी खत्म नहीं होता। देख के प्रधानमंत्री राजीव गांधी का कत्ल करने वाले आरोपियों को केंद्र सरकार ने रिहा कर दिया। इतना ही नहीं, गुजरात दंगों के आरोपियों को भी सरकार ने रिहा कर दिया, लेकिन यह नियम सिखों पर लागू नहीं कर रहे और उनके साथ पक्षपात का रवैया अपनाया जा रहा है।

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