चंडीगढ़ CBI ने रंगे हाथों पकड़ा था; शिकायतकर्ता को सजा न करवाने का भरोसा दिया था
चंडीगढ़। चंडीगढ़ पुलिस के भ्रष्टाचारी सब-इंस्पेक्टर अरविंद कुमार को आज चंडीगढ़ जिला अदालत की CBI कोर्ट सजा सुनाएगी। 7 साल पहले उसके खिलाफ यह केस दर्ज हुआ था। दायर केस के मुताबिक अरविंद कुमार इसेंशियल कोमोडिटिज़ एक्ट के तहत दर्ज एक केस में जांचकर्ता अफसर था। रिश्वत मामले में शिकायतकर्ता बलकार सिंह सैणी के खिलाफ इसेंशियल कोमोडिटिज़ एक्ट की धारा 7 के तहत दर्ज केस में अरविंद कुमार जांच कर रहा था। बलकार वर्ष 2014 में एक राशन डिपो चलाता था। उस पर महंगे दाम में गेहूं लोगों को बेचने का आरोप था।वर्ष 2015 में जांच के नाम पर कई बार बलकार को SI ने बुलाया था। पुलिस मामले में पहले ही उस मामले में चार्जशीट दायर कर चुकी थी मगर SI अरविंद बलकार से 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहा था। बाद में सौदा 10 हजार में तय हुआ था। बलकार को उसने कहा था कि वह कोर्ट में केस को संभाल लेगा और उसे सजा नहीं होगी।ट्रैप लगा दबोचा थाचंडीगढ़ के गांव फैदां में रहने वाले शिकायतकर्ता बलकार ने SI को रिश्वत देने की बजाय चंडीगढ़ CBI को रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दी। इसके बाद CBI ने एक शैडो विटनेस खड़ा कर SI पर ट्रैप लगाया। 7 अप्रैल, 2015 को उसे 5 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था। वह सेक्टर 31 के थाने में पोस्टेड था। CBI केस के मुताबिक रिश्वत की रकम 2 किश्तों में देनी तय हुई थी। शिकायतकर्ता ने कहा था कि वह पहले भी इस SI को काफी पैसे दे चुका था। CBI ने SI के सेक्टर 20 स्थित घर पर भी चैकिंग की थी।CBI द्वारा चार्जशीट पेश करने के बाद आरोप तय के दौरान आरोपी ने खुद को बेकसूर बताया था और ट्रायल का सामना करने की बात कही थी। जिसके बाद उसे भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहाराया गया।
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