यूपी में हैं बाबा गीत से चर्चा में आई कवयित्री, बोली- सच सुनने से डर रही सरकार
ललितपुर: ललितपुर, देश की जानी मानी चर्चित कवयित्री उत्तर प्रदेश के ललितपुर व मेरठ निवासी डॉ अनामिका अंबर को शुक्रवार की रात बिहार प्रदेश के सारण जिले के हरिहर क्षेत्र के सोनपुर मेले में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन प्रशासन द्वारा काव्यपाठ करने से रोक दिया गया। जिसके विरोध में अन्य कवियों ने कार्यक्रम बहिष्कार कर दिया ।काव्यपाठ से रोके जाने से दुखी कवयित्री अनामिका अंबर ने शनिवार को सुबह पटना एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए फ्लाइड पकड़ने से पहले फेसबुक लाइव आकर दुख जताते हुए कहा कि वह कवि दिनकर की धरती बिहार से बिना काव्य पाठ किए हुए ही वापस यूपी लौट रही है। उन्होंने कहा कि करीब एक महीने पहले उन्होंने हरिहर क्षेत्र में आयोजित मेले के लिए आमन्त्रित किया गया था। शुक्रवार को सुबह वह पटना पहुंची गई थी और शाम को हरिहर क्षेत्र में आयोजित सोनपुर मेले में आयोजित कवि सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंच थी। जहां पर हजारों की संख्या में श्रोता भी उन्हें सुनने के लिए पहुंचे थे। मंच पर कवि बैठने वाले ही थे, तभी वहां के प्रशासन ने उन्हें काव्य-पाठ नहीं करने के लिए मना कर दिया गया। प्रशासन ने उन्हें क्यों रोका, इसका कारण तो प्रशासन ही बताएगा।प्रशासन ने कवयित्री को मंच पर जाने से मना कर दियाअनामिका अंबर ने कहा कि उन्हें लगता है कि राष्ट्र की बात करना, देश भक्ति की बात करना और सत्य की बात करना, सच्चाई की बात करना इतना दूभर किसी सरकार को हो सकता है। बिहार सरकार को प्रशासन को मना करना पड़ा कि अनामिका को मंच पर नहीं जाने दिया जाएगा। अनामिका ने कहा कि उन्हें बहुत दुख हुआ कि वह बिना काव्य-पाठ किए वापस जा रही। ढाई घंटे तक प्रशासन से वार्ता हुई। लेकिन अंत में प्रशासन ने उन्हें मंच पर जाने से मना कर दिया। अनामिका अम्बर ने कहा कि इसका कारण जो पिछले दिनों उनके गीत वायरल हुए जो सच वायरल हुआ है। इसके कारण बिहार सरकार ने उन्हें काव्य पाठ करने से रोक दिया है।
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