ब्रेकिंग
अडानी से लेकर मणिपुर तक… कांग्रेस ने बताया किन मुद्दों को संसद सत्र में उठाएगी जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली फांसी महाराष्ट्र में प्रचंड जीत के बाद सरकार बनाने की तैयारी तेज, BJP-शिवसेना-NCP की अलग-अलग बैठकें पत्थर तो चलेंगे… संभल बवाल पर बोले रामगोपाल यादव, अखिलेश ने कहा- सरकार ने जानबूझकर कराया पाकिस्तान से जंग में तीन बंकरों को कर दिया था नेस्तनाबूद , कहानी गाजीपुर के राम उग्रह पांडेय की झारखंड: जिस पार्टी का जीता सिर्फ एक विधायक, उसने भी बोला दे दूंगा इस्तीफा गाजियाबाद: डासना मंदिर के बाहर फोर्स तैनात, यति नरसिंहानंद को दिल्ली जाने से रोका, ये है वजह गूगल मैप ने दिया ‘धोखा’… दिखाया गलत रास्ता, पुल से नदी में गिरी कार, 3 की मौत 30 लाख की नौकरी छोड़ी, UPSC क्रैक कर बने IPS, जानें कौन हैं संभल के SP कृष्ण कुमार बिश्नोई? संभल: मस्जिद के सर्वे को लेकर 1 घंटे तक तांडव… फूंक दीं 7 गाड़ियां, 3 की मौत; बवाल की कहानी

बहन ने ज्वेलर के खिलाफ दायर की थी याचिका; मंजूर हुई

चंडीगढ़: चंडीगढ़ कोर्ट ने एक ज्वेलर को शहर की सांसद किरण खेर से जुड़ी सेक्टर 17 में करोड़ों की एक प्रॉपर्टी को खाली करने के आदेश दिए हैं। किरण खेर की बहन ने अरुण जैन और राजेश जैन नामक किराएदारों से SCO नंबर 18 खाली करवाने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। किराएदारों को कब्जा एक महीने में कंवल ठाकुर सिंह को देने को कहा है जो मौजूदा सांसद किरण खेर की बहन है।दायर याचिका में कहा गया था कि याची सिंह और उनकी बहन खेर का SCO में 50 प्रतिशत का हिस्सा था। याची को यहां पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर हेल्थ सेंटर-कम-जिम्नेजियम-कम-स्पा खोलना था। इसके लिए उन्हें बिल्डिंग का यह हिस्सा चाहिए था।सह मालिकों की मंजूरी नहीं ली गईकिराएदार पक्ष के वकील ने दलील दी कि याचिका दायर करने से पहले SCO के सह-मालिकों की मंजूरी नहीं ली गई थी। हालांकि कोर्ट ने कहा कि इससे याची की स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह SCO का मालिक होने और सह-मालिक भी है। वहीं कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया जिससे यह पता चले कि किराएदार से जगह खाली करवाने पर SCO के सह-मालिकों को कोई आपत्ति हो।सेक्टर 17 में बने SCOs की कीमत करोड़ों में हैं।इस आधार पर मिला कब्जाकोर्ट ने कहा कि यह तय कानून है कि बाकी सह-मालिकों की मंजूरी पूर्व शर्त नहीं है और जब तक सह-मालिकों को जगह खाली करवाने वाली(एविक्शन) याचिका से कोई आपत्ति न हो वह याचिका मेंटेनेबल मानी जाएगी। एक ज्वेलर को सेक्टर 17 ई के एक SCO की फर्स्ट फ्लौर का एरिया खाली करने के आदेश देते हुए चंडीगढ़ के रेंट कंट्रोलर मयंक मरवाहा ने यह टिप्पणी की है। ईस्ट पंजाब अर्बन रेंट रिस्टोरेशन एक्ट, 1949 की धारा 13 बी के तहत ठाकुर कंवर सिंह ने यह रेंट याचिका दायर की थी। यह एक्ट चंडीगढ़ में भी लागू है।पहले भी कई किरादारों से लिया जा चुका है कब्जाकोर्ट ने कहा कि मौजूदा केस में याची प्रामाणिक रूप से संबंधित जगह की निजी जरूरत बताने और अपने NRI की स्थिति पेश करने में सफल रहा। वहीं वह प्रतिवादी पक्ष के साथ अपने किराएदार-मकान मालिक के बीच के रिश्ते को साबित करने में भी सफल रहा। ऐसे में किराएदारों को 1 महीने में जगह खाली करने के आदेश दिए गए हैं ताकि याची पक्ष यहां अपना काम शुरू कर सके। इससे पहले कोर्ट इस मामले में M/s ट्रेंडसेटर्स, M/s दुल्ला हाउस और M/s दविंदर एस जाज एंड कंपनी को SCO खाली करने के आदेश दे चुका है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.