ब्रेकिंग
जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली फांसी महाराष्ट्र में प्रचंड जीत के बाद सरकार बनाने की तैयारी तेज, BJP-शिवसेना-NCP की अलग-अलग बैठकें पत्थर तो चलेंगे… संभल बवाल पर बोले रामगोपाल यादव, अखिलेश ने कहा- सरकार ने जानबूझकर कराया पाकिस्तान से जंग में तीन बंकरों को कर दिया था नेस्तनाबूद , कहानी गाजीपुर के राम उग्रह पांडेय की झारखंड: जिस पार्टी का जीता सिर्फ एक विधायक, उसने भी बोला दे दूंगा इस्तीफा गाजियाबाद: डासना मंदिर के बाहर फोर्स तैनात, यति नरसिंहानंद को दिल्ली जाने से रोका, ये है वजह गूगल मैप ने दिया ‘धोखा’… दिखाया गलत रास्ता, पुल से नदी में गिरी कार, 3 की मौत 30 लाख की नौकरी छोड़ी, UPSC क्रैक कर बने IPS, जानें कौन हैं संभल के SP कृष्ण कुमार बिश्नोई? संभल: मस्जिद के सर्वे को लेकर 1 घंटे तक तांडव… फूंक दीं 7 गाड़ियां, 3 की मौत; बवाल की कहानी फेरी लगाने गया था, घर लौटी लाश… संभल हिंसा दे गई न भूलने वाला जख्म

इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला ने राहुल गांधी को लिखा पत्र, कहा- पहले अपने मन से नफरत मिटाओ

इंदौर। भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने कांग्रेस के राहुल गांधी को पत्र लिखकर अपने परिवार को साथ लाने की बात कही हैं। पत्र में विधायक ने लिखा भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पिछले 80 दिनों से वह नफरत छोड़ो का नारा दे रहे हैं। उन्हें खुद इस पर पहले अमल करना चाहिए और अपनी काकी मेनका संजय गांधी और भाई वरुण के प्रति अपनी नफरत को निकाल देना चाहिए। राहुल जी मेनका जी के घर आशीर्वाद लीजिए तो लगेगा आपका नारा सच्चा है। राहुल गांधी पिछले 80 दिनों से भारत जोड़ो यात्रा पर है। राहुल को ई-मेल से लिखे पत्र में मेंदोला ने कहा कि आप अपनी यात्रा में लगातार नफरत छोड़ने के नारे लगा रहे है। ये नारा सुनकर मुझे आपकी आदरणीय काकीजी मेनका संजय गांधीजी की याद आ गई और मुझे अंग्रेजी की ये कहावत चैरिटी बिगिन्स एट होम भी याद आई। राहुलजी हर अच्छे काम की शुरुआत अपने घर से होना चाहिए। नफरत छोड़ने की भी। मैं ये देख रहा था कि ये नारा लगाते-लगाते आप खुद आपके अपने और अपने परिजनों के मन में नफरत निकाल पा रहे है या नहीं ?

उन्होंने 40 साल पहले की घटना याद दिलाते हुए लिखा कि 28 मार्च 1982 की रात को जब आपके परिवार ने मेनकाजी को घर से निकाला था, तब से आप और आपके पूरे परिवार के मन में उनके प्रति नफरत का जहर भरा हुआ है। ये बात पूरा देश जानता है। आपके मन में उनके लिए इस कदर नफरत भरी है कि पिछले 40 साल में ना आप उनके घर गए ना उन्हें आपकी माताजी ने आपके घर बुलाया। ना आपने मेनकाजी के पैर छुए और ना कभी अपने छोटे भाई वरुणजी को गले लगाया। राहुलजी इस पत्र के माध्यम से आपसे आग्रह है कि दूसरों को ज्ञान देने के पहले अपने, सोनियाजी और प्रियंकाजी के मन में अपनी काकीजी मेनकाजी के लिए बसी नफरत को बाहर निकालिए। यदि आप ऐसा करेंगे तो ही लोगों को ये भरोसा होगा कि आप वाकई नफरत छोड़ने का नारा दिल से लगा रहे है नही तो ये यात्रा और ये नारा भी आपके पिछत्तीस नारों में से एक बनकर रह जाएगी। मुझे उम्मीद है कि मेरा ये पत्र पढ़ते ही आप पूरे परिवार सहित अपनी काकीजी मेनकाजी के 14 अशोक रोड स्थित घर जाकर उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लेंगे और अपने छोटे भाई वरुण को गले लगा लेंगे और हां अपने साथ अपनी माताजी सोनियाजी को ले जाना मत भूलियेगा अपने पति को खोने के बाद 2 साल के बेटे और उसकी मां को आधी रात को घर से बाहर निकालने में उनकी बड़ी भूमिका थी। उनके मन में मेनकाजी के प्रति भरी नफरत को निकलने का दायित्व भी आपका ही हैं।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.