कुमारी शैलजा प्रदेश कांग्रेस की नई प्रभारी, मिशन 2023 के लिए नई चुनावी रणनीति पर होगा काम
रायपुर: कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में बदलाव होने का असर प्रदेश संगठनों पर पड़ने लगा है। पिछले पांच सालों से प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रहे पीएल पुनिया की छत्तीसगढ़ से छुट्टी हो गई है। हरियाणा की खांटी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया गया है। इस नियुक्ति को 2023 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की नई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई स्टीयरिेंग कमेटी की पहली बैठक के बाद नई नियुक्तियां होने लगी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार रात प्रदेश प्रभारियों के नियुक्ति आदेश जारी किए। इसमें तीन प्रदेश प्रभारियों का जिक्र है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है।शक्तिकांत गोहिल को हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है। उनके पास दिल्ली के प्रभारी की जिम्मेदारी रहेगी। वहीं सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है। पिछले दिनों संगठन में विवाद के बाद राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने इस्तीफा दे दिया था। तबसे राजस्थान में कोई प्रभारी नहीं था। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, पीएल पुनिया का कार्यकाल यहां पूरा हो गया था। ऐसे में उनकी जगह नई नियुक्ति की गई है। कुमारी शैलजा की नियुक्ति से प्रदेश कांग्रेस की चुनावी रणनीति में कुछ नयापन आएगा। यह पार्टी के लिए बेहद मददगार होगा।कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर से यह पत्र जारी हुआ है।2017 में पुनिया को प्रभारी बनाया गया थाकांग्रेस ने पूर्व अफसरशाह पीएल पुनिया को उस समय छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया था, जब यहां की टीम 2018 के विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही थी। प्रदेश प्रभारी के तौर पर पुनिया ने संगठन के अलग-अलग धड़ों को साधकर चुनावी जीत की राह आसान बनाई। उन्होंने प्रदेश संगठन से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं तक संवाद के जरिए पैठ बनाई थी। बाद में वे संगठन में ताकत की एक नई धुरी बनकर उभरे थे। 2020 में पुनिया को दोबारा छत्तीसगढ़ का ही प्रभारी बनाया गया। अब फिर से चुनाव में उतरने से एक साल पहले उनकी जगह पर नये प्रभारी की नियुक्ति हो रही है।2018 के विधानसभा चुनाव की जीत में पीएल पुनिया की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है।खांटी राजनीति का मुखर चेहरा हैंकुमारी शैलजा को हरियाणा की खांटी राजनीति का चेहरा कहा जाता है। उका जन्म 24 सितंबर 1962 को हरियाणा के हिसार जिले हुआ था। नई दिल्ली के जीसस सेंट मेरी स्कूल में शुरुआती पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में एमफिल किया। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनने से की। वह दो बार सिरसा व दो बार अंबाला से सांसद रही हैं। 2014 से वर्ष 2020 तक राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में अंबाला लोकसभा से चुनाव हार गई थी। वह यूपीए की दोनों सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके पिता भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।सितम्बर में रायपुर आई थीं शैलजाकुमारी शैलजा इस साल सितम्बर में पहली बार छत्तीसगढ़ आई थीं। उस समय उनको भारत जोड़ो यात्रा के बारे में प्रेस वार्ता की जिम्मेदारी मिली थी। उस समय उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी।
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