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एक्सपेर्टस बोलें – लाइलाज नही हार्ट फेल्योर, तंबाकू और शराब के सेवन से बचें

लखनऊ: हार्ट फेल्योर के बारें में बताते KGMU के डॉ. ऋषि सेठीअचानक हंसते खेलते व्यक्ति की मौत हो रही है। चिकित्सा विज्ञान में इसे सडेन कार्डियक अरेस्ट कहते हैं। यह समस्या अत्याधिक दुख, खुशी या उत्साह की वजह से होती है। इसमें मरीज की चंद सेकेंड में मृत्यु हो जाती है।समय पर CPR यानी कॉर्डियक पल्मोनरी रिससिटैशन देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है। यह जानकारी KGMU लॉरी कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. ऋषि सेठी ने दी।क्रॉनिक हार्ट फेल्योर का मिलेगा इलाजगोमतीनगर के निजी होटल में हील फाउंडेशन की ओर से दिल की बढ़ती बीमारियों पर कार्यक्रम हुआ। डॉ.ऋषि सेठी ने कहा कि विश्व में 80% से ज्यादा मृत्यु नॉन कम्युनिकेबल डिसीस की कारण होती है। इसमें 25 से 30% मौत की वजह दिल की बीमारी होती हैं।सीपी फार्मा के दिलीप सिंह राठौर KGMU के डॉ.ऋषि सेठी का स्वागत करते हुए।कार्डियोवैस्कुलर डिसीसेस में हार्ट फेल्योर एक क्रॉनिक कंडीशन है। इसमें दिल को खून पहुंचाने की क्षमता प्रभावित होती है। जो शरीर की कार्यप्रणाली को बाधित करती है। हार्ट फेल के सामान्य कारणों में से कोरोनरी आर्टरी डिजीज भी एक है। जबकि ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापा भी दिल के फेल होने की आशंका को बढ़ाता है। इस मौके पर दिलीप सिंह राठौर मौजूद रहे।डॉ.ऋषि ने बताया कि अत्याधिक उत्साह या दुख में एडनिरिल हार्मोन ज्यादा मात्रा में बनता है। इससे दिल धड़कन बढ़ जाती है। ऐसे में सडेन कार्डियक अरेस्ट किसी सामान्य इंसान को आ सकता है। उन्होंने बताया कि दिल में कंडक्शन सिस्टम होता है। जिसमें इलेक्ट्रिकल करंट एक से दूसरे जगह प्रवाहित होता है। इसकी वजह से हार्ट में सिकुड़न होती है। सामान्य सीक्वेंस में हार्ट बीट करता है।आमतौर पर एक मिनट में दिल की धड़कन एक मिनट में 72 बार धड़कता है। जब यह रेट 250-300 बीट प्रति मिनट हो जाती है। तो हार्ट इफेक्टिव तरीके से ब्लड पंप नहीं कर पाता है। ब्रेन में सप्लाई न पहुंचने के कारण मौत हो जाती है।

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