फतुहा में पिता श्री प्रजापति ब्रह्मा विश्व शांति दिवस का आयोजन
फतुहा। पिताश्री प्रजापति किचन में अव्यक्त रोहन के अवसर पर आयोजित विश्व शांति दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अंजू बहन ने कहा कि आज के संसार में जहां मनुष्य अपने खून जाए कन्या को भी संपत्ति का अधिकार देते ही सकता है क्योंकि वह उसे पराया धन मानता है पिता श्री ने ऐसा ही हीरे टूल अनोखा अद्वितीय ना भूतो न भविष्यति कार्य कर दिखाया कि साधारण मानव आश्चर्यानंद से भर जाता है उन्होंने अपनी संपूर्ण चल और अचल संपत्ति कन्याओं और माताओं का एक ट्रस्ट बनाकर उन्हें समर्पित कर दी इस प्रयास की मुखिया बनाया एक 18 साल की गुणमूर्त अध्यात्मप्रिय ईश्वरीय लगन सीन कन्या को जिसे आज हम मां जगदंबा सरस्वती के नाम से जानते हैं, उन्होंने धन तो लगाया ही, साथ साथ तन और मन से भी वह इस प्रन्यास में समर्पित हो गए और वंदे मातरम का नारा लगाते हुए या घोषणा कर दी कि संस्थान की प्रशासनिक मुखिया ओम राधे जगदंबा मां हैं और मैं इनका सेवक मात्र हूं इस प्रकार सहायक अहंकार में नारी के सामने अपने को ज्ञानी, बुद्धिमान, भजन, धन तथा पद संपन्न समझकर, उसे दबा कर रखने वाले पुरुष समाज के काफिले के सामने पिताश्री ने एक ऐसा चमत्कारिक कार्य कर दिखाया कि अपने आप सभी कुछ करके अपने आप के पास छिपाया,वाली उक्ति उन पर पूर्ण चरितार्थ हो गई निसंदेह इसके पीछे ईश्वरीय आदेश तो था ही इस प्रकार नारियों को उठाया।
नारी के प्रति है मान्यताएं भोग्या वस्तु, पुरुष की दासी ,पांव की जूती, नारी की अकल उसके वाम पांव की एड़ी में नारी के लिए पति परमेश्वर, गुरु’ चाहे आहार, व्यवहार, विचार ,अचार की दृष्टि से भ्रष्ट हो, नारी को मारपीट कर बस में करना चाहिए । नारी नरक के द्वार ,धर्म समाज के ठेकेदारों द्वारा दी गई उपरोक्त मान्यताओं (वास्तव में कूमान्ताओं, असत्य मान्यताओं अन्याय पूर्ण मान्यताओं)ने अत्याचारों और शोषण की इस आग में घी का काम किया।इसमें संदेह नहीं कि समय-समय पर विरले समाज सुधार ने नारी की पीड़ा को समझ उसको सबल बनाने के पक्ष में आवाज उठाई परंतु उनका यह वह कार्य थोड़ा सिरे चढ़ने के बाद उनके जाते ही ठंडे बस्ते में ढल गया। हमें यहां यह कहते हुए कोई संकोच झिझक नहीं है कि नारी को कामिनी के बजाय कल्याणी और आंवला के बजाय शक्ति रूपा बनाने में दुष्कर कार्य को समाज की कड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए भी पिछले 85 वर्षों से सफलता के शिखर पर ले जाने में प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय अथक रूप से प्रवृत्ति है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल, केशय प्रसाद, संध्या कुमारी, सरस्वती देवी गोविंदपुर, रंभा देवी, खुशबू कुमारी ,पिंकी कुमारी ,मोनिका कुमारी, राजू देवी ,सुंदरी देवी ,प्रमिला देवी, उर्मिला देवी, दुर्गा देवी ,सुनैना देवी सैदपुर ,सुमन देवी, वीणा देवी , काजल कुमारी ,शांति देवी, विमला देवी ,रामसखी देवी, नीतीश कुमार, लक्ष्मी देवी ,पूजा बहन, चंद्रावती देवी ,सुनीता देवी दौलती देवी जयंती देवी, राम जानकी देवी ,हरदास बीघा, सच्चिदानंद यादव ,मोहित कुमार, व्यास यादव ,संतोष कुमार, जानकी देवी,बीके अंजु, खिरोधर पुर आदि मौजूद थे।