ब्रेकिंग
अडानी से लेकर मणिपुर तक… कांग्रेस ने बताया किन मुद्दों को संसद सत्र में उठाएगी जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली फांसी महाराष्ट्र में प्रचंड जीत के बाद सरकार बनाने की तैयारी तेज, BJP-शिवसेना-NCP की अलग-अलग बैठकें पत्थर तो चलेंगे… संभल बवाल पर बोले रामगोपाल यादव, अखिलेश ने कहा- सरकार ने जानबूझकर कराया पाकिस्तान से जंग में तीन बंकरों को कर दिया था नेस्तनाबूद , कहानी गाजीपुर के राम उग्रह पांडेय की झारखंड: जिस पार्टी का जीता सिर्फ एक विधायक, उसने भी बोला दे दूंगा इस्तीफा गाजियाबाद: डासना मंदिर के बाहर फोर्स तैनात, यति नरसिंहानंद को दिल्ली जाने से रोका, ये है वजह गूगल मैप ने दिया ‘धोखा’… दिखाया गलत रास्ता, पुल से नदी में गिरी कार, 3 की मौत 30 लाख की नौकरी छोड़ी, UPSC क्रैक कर बने IPS, जानें कौन हैं संभल के SP कृष्ण कुमार बिश्नोई? संभल: मस्जिद के सर्वे को लेकर 1 घंटे तक तांडव… फूंक दीं 7 गाड़ियां, 3 की मौत; बवाल की कहानी

साइबर क्राइम पर शिकंजा कसने की तैयारी में अमेरिका और भारत

बढ़ते साइबर क्राइम और प्रौद्योगिकी-आधारित अपराध से निपटने के लिए भारत और अमेरिका की शीर्ष आंतरिक जांच एजेंसी सीबीआई और एफबीआई के अधिकारियों के बीच अहम बैठक हुई। इस बैठक में गतिशील और विकसित प्रौद्योगिकी-आधारित समाधान के लिए निरंतर सहयोग पर चर्चा की गई। इस बात की जानकारी न्याय विभाग ने सोमवार को दी। न्याय विभाग के मुताबिक एफबीआई और सीबीआई अधिकारियों के बीच बैठक पिछले सप्ताह नई दिल्ली में हुई थी।

डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस सिविल डिवीजन की कंज्यूमर प्रोटेक्शन ब्रांच के उप सहायक अटॉर्नी जनरल अरुण जी राव ने उपभोक्ता संरक्षण शाखा और एफबीआई के सहयोगियों के साथ पिछले सप्ताह नई दिल्ली में सीबीआई अधिकारियों के साथ बैठक कर साइबर-समर्थित से निपटने के प्रयासों को गहन और विस्तारित करने पर चर्चा की। इनमें वित्तीय अपराध और अंतर्राष्ट्रीय कॉल सेंटर धोखाधड़ी पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।

इस बैठक में दोनों पक्षों ने अक्तूबर 2021 में अपनी पिछली बैठक के बाद से हुए इस प्रकार के अपराधों की प्रवृति पर चर्चा कीं। दोनों पक्षों ने इससे निपटने के लिए एक मजबूत अनुसंधान पर जोर डाला। इनमें कॉल सेंटर धोखाधड़ी के अमेरिकी पीड़ितों की गवाही को सुरक्षित करने के सफल प्रयास भी शामिल हैं। इसके अलावा इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि कैसे भारत में कथित अपराधियों के साथ-साथ सबूतों की जब्ती की गई। इसके अलावा कैसे भारत में कथित रूप से साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों और वैश्विक टेलीमार्केटिंग धोखाधड़ी में शामिल व्यक्तियों की गिरफ्तारी  के लिए अमेरिकी कानून प्रवर्तन की सहायता ली गई।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.