मल्टीमाडल हब के लिए पीथमपुर सेक्टर-5 और 6 के पीछे स्थित 112.60 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई है जो जामोदी खेड़ा अकोलिया और सागौर गांव की है। कुल जमीन में से 5.8 हेक्टेयर जमीन रेलवे साइडिंग के लिए दी जाएगी। पिछले साल केंद्रीय बजट में देश में 35 शहरों के आसपास मल्टीमाडल हब विकसित करने की ऐलान किया था। इस समग्र योजना पर 46000 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। हब स्थापना का उद्देश्य लाजिस्टिक्स लागत को 14 प्रतिशत से घटाकर 8-9 प्रतिशत लाना है। हब में क्लोज वेयरहाउस ओपन वेयरहाउस कोल्ड स्टोरेज और व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होंगी।
दो साल में बनाना होगा
इधर एनएचएलएमएल ने जमीन मिलती देख मल्टीमाडल हब के निर्माण के लिए निवेशक की तलाश शुरू कर दी है। हब निजी-जनभागीदारी (पीपीपी) के आधार पर बनेगा। इसके निर्माण पर 758.10 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जो निवेशक कंपनी यह काम लेगी उसे हब बनाने के लिए दो साल का समय दिया गया है।
बड़े निवेशक आकर्षित होंगे
एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक रोहन सक्सेना के अनुसार जिला प्रशासन को जल्द ही जमीन के बदले 64 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा हस्तांतरित किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि महीनेभर के भीतर जमीन मिल जाएगी जिसे आगे की प्रक्रिया के लिए एनएचएलएमएल को सौंप देंगे। पीथमपुर के पास मल्टीमाडल हब बनने से वहां बड़े निवेशक आकर्षित होंगे। अभी निर्माताओं के लिए सामान एक से दूसरी जगह पहुंचाने में सबसे ज्यादा खर्च होता है। हब बनने से निवेशक अपनी यूनिट पीथमपुर में लगाने को प्राथमिकता देंगे। माल परिवहन के लिए उन्हें प्रतियोगी दरें भी मिलेंगी। हब को एबी रोड के अलावा महू-नीमच रोड से भी कनेक्टिविटी दी जाएगी। इंदौर-दाहोद रेल लाइन से रेल कनेक्टिविटी और इंदौर एयरपोर्ट से एयरपोर्ट कनेक्टिविटी दी जाएगी और इसी वजह से इसे मल्टीमाडल हब नाम दिया गया है।