बुनियादी ढांचा विकास पर बजट में दिये गये जोर से बढ़ेगी सीमेंट की मांग
नयी दिल्ली | आधारभूत ढांचा विकास और पूंजीगत व्यय को बढ़ाये जाने के संबंध में बजट में किये प्रावधान सीमेंट की मांग को तेज करेंगे। इंडियन रेटिंग एंड रिसर्च के मुताबिक बजट 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय आवंटन किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को दिये अपने बजट भाषण में पूंजीगत व्यय में 35 प्रतिशत से अधिक की बढ़त की घोषणा की।
रेटिंग एजेंसी का कहना है कि वित्त वर्ष 22 की तुलना में पूंजीगत व्यय के आवंटन में की गयी बढ़त से आधारभूत ढांचा क्षेत्र का विकास होगा, जिससे सीमेंट की मांग में तेजी आयेगी। इसके अलावा रोजगार सृजन पर भी इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा, जिससे मांग और बढ़ेगी।
शहरी व्यय को बढ़ाने के लिए वित्तवर्ष 22 में अनुमानित व्यय में 53 प्रतिशत की वृद्धि से इस क्षेत्र में सीमेंट की मांग बढ़ी। शहरी क्षेत्र में बुनियादी ढांचा के लिए आवंटन वित्त वर्ष 22 के संशोधित अनुमान 619 बिलियन रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 635 बिलियन रुपये हुआ है।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक फैसिलिटी के लिए अगले तीन साल में करीब 100 गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल बनाया जाना है।
एजेंसी के मुताबिक आवास क्षेत्र की सीमेंट की मांग कुल सीमेंट मांग की करीब 65 प्रतिशत है और सरकार की किफायती आवास योजना पर लगातार जोर देने से सीमेंट की मांग को समर्थन मिलेगा। सरकार ने प्रधानमंत्री किफायती आवास योजना के तहत 80 लाख घरों को बनाने के लिए 480 अरब रुपये आवंटित किये हैं। ये आवंटन वित्त वर्ष 22 के संशोधित अनुमान 478 अरब के करीब है।
सीमेंट की मांग बीते कुछ साल से सबसे अधिक आवास क्षेत्र में बढ़ी है और खासकर निजी आवास बनाने वालों पर कोरोना संकट का असर कम दिखा है।
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