ब्रेकिंग
अडानी से लेकर मणिपुर तक… कांग्रेस ने बताया किन मुद्दों को संसद सत्र में उठाएगी जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली फांसी महाराष्ट्र में प्रचंड जीत के बाद सरकार बनाने की तैयारी तेज, BJP-शिवसेना-NCP की अलग-अलग बैठकें पत्थर तो चलेंगे… संभल बवाल पर बोले रामगोपाल यादव, अखिलेश ने कहा- सरकार ने जानबूझकर कराया पाकिस्तान से जंग में तीन बंकरों को कर दिया था नेस्तनाबूद , कहानी गाजीपुर के राम उग्रह पांडेय की झारखंड: जिस पार्टी का जीता सिर्फ एक विधायक, उसने भी बोला दे दूंगा इस्तीफा गाजियाबाद: डासना मंदिर के बाहर फोर्स तैनात, यति नरसिंहानंद को दिल्ली जाने से रोका, ये है वजह गूगल मैप ने दिया ‘धोखा’… दिखाया गलत रास्ता, पुल से नदी में गिरी कार, 3 की मौत 30 लाख की नौकरी छोड़ी, UPSC क्रैक कर बने IPS, जानें कौन हैं संभल के SP कृष्ण कुमार बिश्नोई? संभल: मस्जिद के सर्वे को लेकर 1 घंटे तक तांडव… फूंक दीं 7 गाड़ियां, 3 की मौत; बवाल की कहानी

 तीन चीतों को खुले जंगल में छोडने की तैयारी

इनमें दो मादा और एक नर चीता होगा

भोपाल । वन्य प्राणी मुख्यालय जल्दी ही तीन चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खुले जंगल में छोड़ने की तैयारी कर रहा है। इन चीतों में दो मादा और एक नर चीता शामिल है। ये उन आठ चीतों में से हैं, जिन्हें नामीबिया से लाकर 17 सितंबर, 2022 को कूनो में छोड़ा गया था। नामीबिया के चीता विशेषज्ञ पहले से ही कह रहे थे कि चीते पूरी तरह स्वस्थ हैं और जंगल में छोड़े जा सकते हैं लेकिन जनवरी में मादा चीता सासा के बीमार होने के बाद वन अधिकारी आश्वस्त नहीं हो पा रहे थे। दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को लाए गए 12 चीते तो अभी क्वारंटाइन बाड़े में ही हैं। खुले जंगल में भी चीतों को पर्यटकों से दूर रखा जाएगा। जिस क्षेत्र में चीते होंगे, वहां पर्यटक नहीं जा सकेंगे। दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों से दूसरा परामर्श लिया गया। उनकी सहमति के बाद तीन चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया गया है। हालांकि पर्यटकों को चीता देखने के लिए अभी इंतजार करना होगा।  सबसे पहले नामीबिया से तीन नर एवं पांच मादा चीता लाए गए थे। इनमें से तीन चीते ऐसे हैं, जो जन्म के बाद से ही कैप्टिविटी (कैद) में रहे हैं। उन्हें खुले जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता। खुले जंगल के अभ्यस्त चीतों को ही छोड़ा जा सकता है। चीतों की निगरानी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। एंटीना लगे वाहन के साथ टीम प्रत्येक चीते से सौ मीटर के दायरे में रहेगी। चीते के गले में पहनाई गई रेडियो कालर से सिग्नल मिलते रहेंगे। यदि चीता देर तक बैठता है या उसके शरीर में कुछ समय तक हलचल नहीं होती है, तो टीम नजदीक जाकर देखेगी। यही तरीका पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की पुनर्स्थापना कार्यक्रम में निगरानी के लिए अपनाया गया था। कालर से जीपीएस ट्रैकिंग की भी व्यवस्था होगी।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.