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रामलाल आनंद कॉलेज का सामुदायिक रेडियो शुरू, शिक्षा कार्यक्रमों का होगा प्रसारण

 कॉलेज ने अपना एक मिनी सामुदायिक रेडियो शुरू किया है। इसके माध्यम से दस किमी तक शिक्षा, रोजगार व ज्ञान आधारित, व डीयू दाखिला प्रक्रिया पर आधारित कार्यक्रम सुने जा सकते हैं।

हेलो… ये 90.0 एमएफ रेडियो तरंग है। चौकिए मत, बात हो रही है दिल्ली विश्वविद्यालय के रामलाल आनंद कॉलेज की। कॉलेज ने अपना एक मिनी सामुदायिक रेडियो शुरू किया है। इसके माध्यम से दस किमी तक शिक्षा, रोजगार व ज्ञान आधारित, व डीयू दाखिला प्रक्रिया पर आधारित कार्यक्रम सुने जा सकते हैं। कॉलेज का दावा है कि यह डीयू का एक मात्र सामुदायिक रेडियो है। करीब 60 लाख की लागत से तैयार इस सामुदायिक रेडियो पर पत्रकारिता के छात्रों को एक माह की इंटर्नशिप करने का अवसर भी मिलेगा।

खास बात यह है कि कॉलेज के सहयोग से इस रेडियो को पूरी तरह से छात्र ही चलाते हैं। कॉलेज को वर्ष 2019 में इस तरह के सामुदायिक रेडियो को शुरू करने का विचार आया। कोरोना महामारी के कारण इसकी प्रक्रिया में देरी हुई। अब बीते माह 13 फरवरी को रेडियो तरंग नाम से शुरू किया गया।

रामलाल आनंद कॉलेज में हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के संयोजक प्रो. राकेश कुमार ने बताया कि इसे शुरू करने के पीछे कॉलेज प्रिंसिपल की सोच है। रेडियो शुरू करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सामुदायिक रेडियो अनुभाग में आवेदन किया।

दिल्ली में फ्रीक्वेंसी मिलना मुश्किल होता है। लेकिन हमें फिर भी 90.0 फ्रीक्वेंसी मिली। रेडियो को चलाने के लिए करीब 60 लाख का खर्च आया है। पांच माह की मेहनत के बाद यह इस साल फरवरी में शुरू हुआ। इसमें कॉलेज की प्रबंध समिति ने इस प्रोजेक्ट में पूरा सहयोग किया।

सामुदायिक रेडियो के लिए एक रिकॉर्डिंग रूम, एक डिस्कशन रूम, एक आवाज संपादन रूम और एक लाइव प्रसारण रूम है। इस सामुदायिक रेडियो के माध्यम से अन्य कॉलेजों के कार्यक्रमों का भी प्रसारण किया जाएगा।

पांच साल पहले तक चलता था डीयू का अपना रेडियो
पांच साल पहले तक डीयू का भी अपना एक कम्यूनिटी रेडियो 90.4 मेगाहट्र्ज पर चलता था। लेकिन कुछ समय बाद ही इसे बंद कर दिया गया। डीयू प्रशासन ने अपने बंद पड़े कम्यूनिटी रेडियों को दोबारा से पूर्व स्वरूप में लाने के प्रयास शुरू किए हैं।

अन्य कॉलेजों के छात्रों को इंटर्नशिप भी देंगे
इसके माध्यम से अन्य कॉलेज के छात्रों को इंटर्नशिप भी दी जाएगी। प्रो राकेश ने बताया कि पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में इंटर्नशिप करना एक अनिवार्य हिस्सा है। इसके लिए छात्रों को आकाशवाणी या निजी चैनलों में जाना पड़ता है। लेकिन आकाशवाणी में सीटें कम होती हैं। वहीं प्राइवेट चैनल बाहरी छात्रों को कम अवसर देते हैं। ऐसे में अब छात्र हमारे यहां इंटर्नशिप भी कर सकते हैं। इसके लिए हम प्रमाणपत्र देंगे जो कि  मान्य होगा।

 

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