पशुपति पारस भाजपा के लिए बोझ : लक्ष्मी नारायण
फतुहा। भाजपा के लिए पशुपति पारस सिर्फ बोझ हैं। इनके साथ जो भी सांसद हैं। वो सब रामविलास पासवान के लोग हैं। रामविलास पासवान का जनसमर्थन चिराग पासवान के साथ है। चिराग पासवान की उपस्थिति के कारण नितीश कुमार कमजोर हुए हैं। कोहली और गोपालगंज में जो जीत हुई है वह चिराग पासवान के कारण हुई है। अधिकांश भाजपायी विधायक, सांसद एसी रूम से निकलकर कार्यकर्ताओं एवं जनता के से मिलना शायद अपमान समझते हैं तथा मोदी जी द्वारा चलाई जा रही योजना की जानकारी रखना भी फिजूल समझते हैं, इसके कारण ही आज बिहार के अधिकांश वाजपाई सांसद, मिलकर भी चिराग पासवान का मुकाबला नहीं कर सकता है। भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल ने सभी सांसदों और विधायकों को सुझाव दिया है कि एसी रूम से निकलकर गृहमंत्री अमित शाह के बताए रास्ते पर चलने की आवश्यकता है तथा बिहार के 40 सीट में 10/15 सीट चिराग पासवान को देकर जिम्मेवारी भी दे दें कि उपेंद्र कुशवाहा, मुकेश साहनी आदि को शामिल करें तथा भाजपा के लिए बोझ बने पशुपति पारस को हटाए पशुपति पारस जनाधार हीन नेता है। भाजपा को विस्तार देने में इनकी कोई भूमिका कारगर नहीं है।