राजस्थान के कोटा में BJP पूर्व विधायक के बंगले पर चलेगा बुलडोजर, हाईकोर्ट कोर्ट ने दिया आदेश…
भाजपा के पूर्विव धायक प्रहलाद गुंजल की पत्नी जयकंवर के बंगले को तोड़ने के आदेश राजस्थान होईकोर्ट ने दिए है। हाईकोर्ट ने कहा कि तीन महीने के अंदर अतिक्रमण हटाकर सड़क की चौड़ाई मास्टर प्लान के तहत की जाए।
राजस्थान के कोटा उत्तर से भाजपा विधायक रहे और कद्दावर नेता प्रहलाद गुंजल के बंगले को राजस्थान हाईकोर्ट ने अवैध माना है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि तत्कालीन विधायक प्रहलाद गुंजल की पत्नी जयकंवर के बंगला के कारण सड़क की चौड़ाई कम की गई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को तीन महीने के अंदर अतिक्रमण हटाकर सड़क की चौड़ाई मास्टर प्लान के अनुसार तय करने का आदेश दिया है।
दरअसल, कोटा शहर की दो सबसे व्यस्त सड़कों की चौड़ाई कम करके जयकंवर के बंगले को फायदा पहुंचाने का मामला राजस्थान के एक बड़े समाचार पत्र ने उजागर किया था। जिसमें बताया था कि किस तरह से सभी नियम कायदों और जनहित को पूरी तरह से ताक में रख दिया गया है।
इसका खुलासा होने के बाद कोटा के रहने वाले अनिल सुवालका ने राजस्थान हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। अनिल के अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कहा कि भाजपा से विधायक रहे प्रहलाद गुंजल की पत्नी के बंगले को बचाने के लिए दो प्रमुख सड़कों की चौड़ाई को कम कर दिया गया। कोटा नगर विकास न्यास और राज्य स्तरीय लैंड यूज कमेटी ने कोटा के जीएडी सर्किल से शिवपुरा रोड़ जिसकी चौड़ाई 160 फीट थी उसे 120 फीट कर दिया। वहीं, जीएडी सर्किल से केशवपुरा रोड़ की 100 से 80 फीट कर दी गई।
याचिकाकर्ता का कहना था कि विधायक की पत्नी के नाम वाले बंगले को बचाने के लिए सड़कों की चौड़ाई को घटाया गया है। भूमि उपयोग परिवर्तन समिति ने ये फैसला तत्कालीन सत्ताधारी विधायक के प्रभाव में किया था, जबकि राजस्थान भू उपयोग परिवर्तन रूल्स 2010 के अनुसार सड़क की चौड़ाई को कम करके भू उपयोग नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने फाइल देखने के बाद सड़क की जमीन अलॉट करने और नियमतिकरण करने की प्रक्रिया को अवैध माना।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश अनिल उपमन की खंडपीठ ने माना कि मास्टर प्लान के खिलाफ जाकर सड़क की चौड़ाई को कम नहीं किया जा सकता है। मामले में राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि एसटी की जमीन को अन्य वर्ग का कोई व्यक्ति नहीं खरीद सकता है। कोर्ट ने भी माना कि मीना वर्ग की जमीन जयकंवर के नाम से खरीदना गलत है।
जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार को तीन महीने में बंगले को तोड़कर सड़क की चौड़ाई मास्टर प्लान के नियम के अनुसार करने का आदेश दिया।
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