आजादी के अमृत महोत्सव विषय पर एक महत्वकांक्षी कार्यशाला का किया गया आयोजन
मोतिहारी। मुंशी सिंह महाविद्यालय के सभा भवन में भारत सरकार की संस्था सी.सी.आर.टी.और मुंशी सिंह महाविद्यालय की संयुक्त साझेदारी में”कलेक्टिंग स्टोरीज अंडर डिजिटल डिस्ट्रिक्ट रिपोजिटरी प्रोजेक्ट ऑफ आजादी का अमृत महोत्सव”विषय पर एक महत्वाकांक्षी कार्यशाला का भव्य आयोजन संपन्न हुआ जिसमें इतिहास के अनाम और खोए हुए नायकों को खोज और पहचान का लोगों ने संकल्प लिया।प्रारंभ में नगर के उप महापौर डॉ. लालबाबू प्रसाद,सी.सी.आर.टी.के डिप्टी डायरेक्टर डॉ.राहुल कुमार,महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.अरुण कुमार,संस्कृति कर्मी अभय अनंत,प्रो.एकबाल हुसैन आदि ने समवेत रूप में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।अतिथियों का सम्मान पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्रम प्रदान कर प्राचार्य ने किया।मुख्य अतिथि उप महापौर डॉ.ललबाबू प्रसाद ने भारत सरकार की इस परियोजना की भूरिषः प्रशंसा करते हुए कहा कि आज उपनिवेशवादी दृष्टिकोण से रचे गए इतिहास में संशोधन और परिवर्धन की नितांत आवश्यकता है।सी.सी.आर.टी.के डिप्टी डायरेक्टर डॉ.राहुल कुमार ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से नए इतिहास लेखन के तकनीकी पक्षों से प्रतिभागियों को अत्यंत कुशलता के साथ उन्मुख किया।इस अवसर पर प्राचार्य डॉ.अरुण कुमार ने इतिहास के पुनर्लेखन को राष्ट्र हित में अनिवार्य बतलाते हुए कहा कि इतिहास का पुनर्लेखन नए भारत को परवाजी के पंख प्रदान करेगा।समन्वयक अभय अनंत ने इस अवसर पर बिहार के संपन्न इतिहास को तफसील के साथ श्रोताओं से साझा किया।साहित्यकार डॉ.विनय कुमार सिंह ने इस अवसर पर चंपारण की पुस्तकों में चंपारण विषय पर सुंदर विमर्श प्रस्तुत किया। डॉ.एकबाल हुसैन और श्रीकृष्ण महिला महाविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ.रौशनी विश्वकर्मा ने भी इस अवसर पर अपने अनमोल विचार रखे।कार्यक्रम का सुंदर संचालन संस्कृति कर्मी अनिल कुमार वर्मा ने किया।अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ.राहुल कुमार ने किया।कार्यक्रम में जिले के प्राध्यापकों,शिक्षकों ,साहित्यकारों और संस्कृति कर्मियों की जबरदस्त भागीदारी रही।इस कार्यशाला में कुल 123 प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया जिन्हें सी.सी.आर.टी.द्वारा प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।