ब्रेकिंग
‘मारो इसको…’ थानाध्यक्ष पर मुक्कों की कर दी बरसात, बचाते दिखे पुलिसकर्मी, जानें क्या है मामला एक समुदाय के लोग खुद को संविधान से ऊपर समझते हैं… संभल बवाल पर बरसे योगी के मंत्री मायावती का बड़ा ऐलान- EVM से फर्जी वोट डाले जा रहे, बसपा नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव हिना खान ने शिल्पा शिरोडकर की दोस्ती पर उठाए सवाल! करण वीर मेहरा को दे डाली ये सलाह पर्थ के ‘पठान’ बने यशस्वी जायसवाल, ऑस्ट्रेलिया में जीतेगा इंडिया, अब ना कोई शक, ना सवाल! महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे सामने आने के बाद इतना महंगा हुआ गोल्ड, जानें आज का ताजा भाव कहां-कहां चल रहा आपका व्हॉट्सऐप? इस ट्रिक से लगेगा चुटकियों में पता सोमवार के व्रत में इन 5 नियमों का रखें खास ध्यान, महादेव की बनी रहेगी कृपा! क्या मोसाद के टारगेट पर आ गया हिजबुल्लाह का नया चीफ? इजराइल के हमले से मची तबाही चेहरा ही नहीं हाथ-पैर भी रहेंगे मुलायम, घर पर बना ये मॉश्चराइजर स्किन को देगा पोषण

सरनेम मामले में राहुल को पटना की अदालत भी सुना सकती है सजा

– पूर्व कांग्रेस-अध्यक्ष की गवाही 12 अप्रैल को, 2019 से जमानत पर

– सुशील मोदी, नितिन नवीन सहित पाँच लोगों की गवाही पूरी

 

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वर्ष 2019 में कर्नाटक की चुनावी सभा में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम वाले लाखों लोगों को चोर बताने वाला जो बयान दिया था, उसके विरुद्ध एक पीड़ित के नाते मैंने भी पटना की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था और मुझे आशा है कि यहाँ भी उन्हें सूरत की अदालत की तरह सजा सुनायी जाएगी।

श्री मोदी ने कहा कि मेरे मामले में राहुल गांधी को सेक्शन-317 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए पटना के एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय में 12 अप्रैल 2023 को उपस्थित होना है। उन्हें नोटिस भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि धारा -500 के अन्तर्गत किसी व्यक्ति या समुदाय की मानहानि करना दंडनीय अपराध है। इस मामले में आरोपी राहुल गांधी को सरेंडर करना पड़ा और 6 जुलाई 2019 को पटना की अदालत में हाजिर होकर जमानत लेनी पड़ी थी।

श्री मोदी ने कहा कि अभियोजन पक्ष में मेरे अलावा नितिन नवीन, संजीव चौरसिया, सुमन कुमार झा और मनीष कुमार सिंह की गवाही हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और उनकी वंशवादी पार्टी कांग्रेस को पिछड़े समाज से आने वाले नरेंद्र भाई मोदी का प्रधानमंत्री होना बर्दाश्त नहीं, इसलिए वे जानबूझ कर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं। इस प्रवृत्ति पर न्यायालय ही अंकुश लगा सकता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.