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राज्य के पंचायतीराज एवं नगर निकाय अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों के लिए स्थानांतरण की सुविधा जल्द लागू करे सरकार

परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग एवं निदेशक प्राथमिक शिक्षा से किया मांग

पटना। सूबे के लाखों पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों की बहुचर्चित मांग ऐच्छिक स्थानांतरण को लेकर परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ ने एकबार फिर आवाज उठाई है।
संघ के कार्यकारी प्रदेश संयोजक नवनीत कुमार, प्रदेश संगठन महामंत्री शिशीर कुमार पाण्डेय एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर ने इस संदर्भ मे मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग एवं निदेशक प्राथमिक शिक्षा से गुहार लगाई है।
नवनीत कुमार एवं शिशीर कुमार पाण्डेय ने संयुक्त रूप से बताया है कि राज्य के लाखों वैसे शिक्षक ऐच्छिक स्थानांतरण का इंतजार कर रहे है जो अपने घरों से दूर नौकरी करने को विवश है। अधिकांश महिला शिक्षिका अपने बाल बच्चों, परिवार से दूर अपने मायके मे तो कितने अन्य जिलों मे नौकरी कर रही है और यह उम्मीद लगाए बैठी है कि कब ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ मिले जो अपने घरों के नजदीक जा सके। हजारों दिव्यांग शिक्षक अब भी अपने घरों से दूर सेवा दे रहे है और उन्हे भी ऐच्छिक स्थानांतरण का इंतजार है ताकि वे भी सुविधानुसार अपने नजदीक के विद्यालय मे पदस्थापित होकर तनावमुक्त एवं भयमुक्त होकर इमानदारीपूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन कर सके।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार कई सालों से स्थानांतरण को लेकर पोर्टल बना रही है लेकिन अबतक यह पोर्टल तैयार नही हुई।आखिर कबतक पोर्टल के नाम पर शिक्षकों को बरगलाने का काम करते रहेगी राज्य सरकार।
श्री ठाकुर ने राज्य सरकार से मांग किया कि यथाशीघ्र स्थानांतरण से संबंधित पोर्टल सभी शिक्षकों के लिए जारी किया जाय ताकि महिला एवं दिव्यांग शिक्षक के साथ साथ दूर दराज मे पदस्थापित शिक्षक अपने नजदीक के विद्यालय मे तबादला करा सके। दूर दराज मे नौकरी करने के कारण शिक्षक हमेशा तनाव मे जीवन जीने को विवश है जिसका सीधा असर विद्यालय मे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर पड़ता है। विद्यालय ससमय पहुंचने के जल्दबाजी मे अबतक हजारों शिक्षक असामयिक मौत को गले लगा चुके है जिसका सारा जवाबदेही राज्य सरकार की है।इसलिए इन सभी बातों पर गम्भीरतापूर्वक ध्यान देते हुए अविलंब स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करे सरकार।

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