मेरठ में बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, सांस के मरीज रहें सतर्क
कई महीनों की खामोशी के बाद कोरोना वायरस ने शुक्रवार को बड़ी छलांग लगा दी। पिछले एक साल में पहली बार संक्रमण की दर सात प्रतिशत पार कर गई, वहीं एक्टिव मरीजों की संख्या 74 तक पहुंच गई। 70 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। सीएमओ ने कोविड प्रोटोकाल अपनाने के लिए निजी संस्थानों, स्कूलों एवं अस्पतालों को गाइडलाइन भेजा है। वहीं, मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब ने दर्जनभर सैंपलों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए लखनऊ भेजा है।
लक्षण हल्के हैं, पर सावधानी जरूरी
सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि कोरोना की नई लहर को ओमिक्रान का सब-टाइप माना जा रहा है। इसमें मरीज को हल्का बुखार, गले में खराश, दर्द, जुकाम, खांसी और मुंह का स्वाद बिगड़ने का लक्षण उभरता है। ऊपरी श्वसन तंत्र पर असर ज्यादा है। वायरस फेफड़ों में निमोनिया नहीं बना रहा, अन्यथा शरीर में आक्सीजन की कमी पड़ने से कई मरीजों की स्थिति गंभीर होती।
संक्रमण तेजी से बढ़ा
कोमार्बिड मरीजों, बुजुर्गों एवं बच्चों को भीड़भाड़ से दूर रखें। सभी संस्थानों एवं विभागों को कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए कह दिया गया है। सांस फूलने एवं बुखार के लक्षण पर जांच करानी होगी। मेडिकल कालेज में 30 बेड का वार्ड तैयार है। फिलहाल अलग-अलग अस्पतालों में चार मरीज भर्ती हैं।
यह संक्रमण ओमिक्रान का सब-टाइप लग रहा है। मरीजों में 101-102 डिग्री बुखार, थकान, खांसी एवं कफ जैसे हल्के लक्षण हैं। पहले गंध जाती थी, अब स्वाद कड़वा हो रहा है। आक्सीजन का स्तर ठीक मिलने से मरीजों को भर्ती नहीं करना पड़ रहा। किडनी ट्रांसप्लांट, लिवर संक्रमण एवं शुगर के मरीज विशेष सावधानी बरतें। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों में वायरस घातक साबित हो सकता है। सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ
शुगर, लिवर और किडनी के रोग से पीड़ित लोग दें ध्यान…
2020 और 2021 में आई लहर में मरीजों की गंध और स्वाद या, लेकिन इस बार मंह का स्वाद बिगड़ा महसूस हो रहा। वायरस जीभ में स्वाद को पकड़ने वाली नर्व को डिस्टर्ब कर रहा है। शुगर, किडनी, लिवर, एनीमिया एवं कैंसर के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी।
सभी अस्पताल बनाएं फीवर डेस्क
स्कूलों, संस्थानों एवं कार्यालयों में मास्क पहनकर जाने, सेनेटाइजर रखने, शारीरिक दूरी बरतने, प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनर लगाने, बाहर न थूकने, खांसने एवं छींकते समय मुंह पर रूमाल रखने, सांस एवं बुखार के मरीजों को अनिवार्य रूप से जांच कराने, बार-बाहर हाथ धोने एवं पूरे प्रोटोकाल का पालन करने का निर्देश दिया गया है। गाइडलाइन में कहा गया है कि घर की सफाई रखें। दरवाजे, खिड़की, टेबल, रेलिंग एवं लिफ्ट को अनावश्यक रूप से न छुएं। इसका नियमित रूप सैनिटाइजेशन कराएं।
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