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नीम हकीम की लापरवाही से एक 9 वर्षीय बच्चे की गई जान

अभिभावक ने उक्त डॉक्टर पर कार्रवाई हेतु लिखित शिकायत दर्ज कराई

पटना। बाढ़-थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव के एक नीम हकीम ने बच्चे का गलत इलाज कर दिया, जिसके कारण बच्चे की जान चली गई। बच्चे के पिता ने बाढ़ थाने में उस डॉक्टर पर कार्रवाई करने तथा उचित न्याय दिलाने हेतु लिखित शिकायत दर्ज कराई है। फिलहाल बच्चे का बाढ़ के अनुमंडलीय अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया है। आपको बता दें कि सिकंदरपुर गांव निवासी अरुण कुमार का 9 वर्षीय पुत्र की उंगली दरवाजे से चाप पड़ जाने के कारण जख्मी हो गया था, जिसका त्वरित इलाज कराने के लिए प्राथमिक चिकित्सा हेतु पास के ही पॉली क्लिनिक चला रहे नीम हकीम के यहां ले गए, जहां बच्चे को एक सुई लगाई गई। सुई लगाने के बाद बच्चा बेहोश हो गया, जिसे अभिभावक को बिना बताए डॉक्टर बाढ़ के अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के लिए खुद ही ले गया, जहां जांच के उपरांत डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जब उसे विश्वास नहीं हुआ तो फिर एक एंबुलेंस के द्वारा उसे पटना इलाज के लिए ले जाया गया। जहां एक बार फिर से देखने के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। मृत्यु की सूचना पाकर परिजनों में अफरा-तफरी तथा आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो गई। तब तक डॉक्टर अपने पॉलीक्लिनिक का पोस्टर-बैनर सभी हटाकर अपने परिवार के साथ फरार हो चुका था। बच्चे के पिता अरुण कुमार ने बाढ़ थाने में आवेदन देकर दोषी फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आवेदन दिया है। हालांकि यदि देखा जाए तो इस तरह के जानलेवा फर्जी डॉक्टरों की शहर में भरमार है और आए दिन इस तरह के सीरियस बातें देखने को मिलते रहती है। सीधे-साधे ग्रामीण ऐसे डॉक्टरों के चंगुल में फंस जाते हैं और अपनी जान के साथ साथ परिजनों के भी जान को जोखिम में डाल देते हैं। ऐसे डॉक्टर जहां-तहां कुछ दवाइयां और सुई लेकर बैठ जाते हैं और अपनी दुकान चलाना शुरु कर देते हैं। इनके पास न तो किसी प्रकार का लाइसेंस होता है, न ही कोई मानक सर्टिफिकेट। फिर भी यह प्रतिदिन लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते रहते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि ऐसे डॉक्टरों पर प्रशासन के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है।

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