सेल्फी का हमारे मनोविज्ञान से गहरा रिश्ता: शोधकर्ता वैज्ञानिक
लंदन । देश-दुनिया में लोग सेल्फी लेने के शौकीन हो गए हैं और सेल्फी का क्रेज हर किसी के सिर चढ़कर बोल रहा है। यूथ तो सेल्फी लेने के लिए पागल हो रहे हैं। अब वैज्ञानिकों ने सेल्फी लेने की की वजह ढूंढ़ निकाली है। वैज्ञानिकों के अनुसार सेल्फी का दिलोदिमाग से गहरा नाता है। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ ट्युबिंगन और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी की। यह जानने की कोशिश की कि लोग सेल्फी के लिए इतने दीवाने क्यों हैं? टीम ने 2113 लोगों पर 6 प्रयोग किए और पाया कि सेल्फी का हमारे मनोविज्ञान से गहरा रिश्ता है।
अध्ययन में पता चला कि हम दुनिया को अपनी वैसी ही छवि दिखाना चाहते हैं जैसा हम देखना चाहते हैं। हमें इस बात का हमेशा डर रहता है कि अगर कोई दूसरा हमारी फोटो क्लिक करेगा तो शायद उस तरह की पिक्चर न आए, जैसा हम दिखाना चाहते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि जब भी हम सेल्फी लेते हैं, तो हम फिजिकल एक्सपीरियंस का डॉक्यूमेंटेशन करना चाहते हैं। रिसर्च के लेखक जाचरी नीस ने कहा कि पर्सनल फोटोज जैसे सेल्फी लोगों को पुरानी यादों से जुड़ने में ज्यादा मदद करती हैं। ऐसी फोटोज जैसे ही सामने आती हैं, उस समय की सारे यादें ताजा हो जाती हैं।
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान की प्रोफेसर लिसा लिब्बी ने कहा कि इन तस्वीरों के साथ हम उस पूरी घटना को फिर से जीने लगते हैं। वही माहौल, वही हवा, वही लोग, वही सबकुछ। यह हम सबको बेटर फीलिंग देता है। शोध में शामिल लोगों को जब ऐसी तस्वीरों को रेट करने को कहा गया, जो उन्हें ज्यादा याद हैं तो ज्यादातर लोगों ने सेल्फी वाली तस्वीरें निकालीं। दूसरी टीम को जब इंस्टाग्राम एकाउंट से तस्वीरें तलाशने को कहा गया तो लगभग सभी लोगों ने उन्हीं तस्वीरों को चुना, जिसे उन्होंने खुद लिया था। उन्हीं के बारे में विस्तार से उनको जानकारी भी थी।
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