हर एक मंडल में पैदा हो योगी और सम्राट
भाजपा के पद का सम्मान करें
फतुहा। व्यवस्था ही ऐसी बदतर कर दी गई है कि सुधारा नहीं जा सकता है, शिक्षा, चिकित्सा, कानून सभी को पूर्ण निर्माण करने की आवश्यकता है। जैसे खंजर गाड़ी को मरम्मत नहीं किया जा सकता है? अधिकांश सीओ, बीडीओ, इंजीनियर, सप्लाई इंस्पेक्टर, स्कूल इंस्पेक्टर, सीडीपीओ, नरेगा आदि में खानदानी कमीशन बंधा हुआ है।
इसे समाप्त करने के लिए सत्ता की मलाई चाटने वाले मंत्री ,सांसद ,विधायक, माला पहनने वाले कार्यकर्ता को आगे आने की आशा नहीं करें बल्कि मंडल कार्यक्रताओं से योगी, सम्राट चौधरी जैसे लोगों को निकालने कि आवश्यकता है।
देश में सबसे बड़ी समस्या है अपराध और भ्रष्टाचार परंतु कोई भी बैठक में अपराध और भ्रष्टाचार की चर्चा तक नहीं होती है। देश में पहली बार कोई प्रधानमंत्री लाल किला से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ लिया है बावजूद पता नहीं कि उनकी आवाज बिहार के भाजपाइयों के कानों तक नहीं पहुंची। मोदी जी द्वारा सैकड़ों योजनाएं चलाई जा रही है, अधिकांश योजनाएं कागजों में सिमट कर रह गई है। देश में पहली बार मोदी जी ने किसानों को दर्द को समझा और सबों को छ: हजार रुपए सालाना देना शुरू किया जबकि किसानों से भारत सरकार मालगुजारी नहीं लेती है, ऐसे में स्थिति में बिहार सरकार को प्रत्येक किसान को 18 हजार रुपए देना चाहिए। मोदी जी ने महिलाओं को देखा कि शौचालय का अभाव में सुबह अंधेरे में तथा
शाम को रात्रि इंतजार करनी पड़ती है। यदि बीच में शौच कि आवश्यकता होने पर पेट दबाकर रात्री होने के इंतजार में बैठी रहती थी। मोदी ने समूचे देश में शौचालय बनवा दिया। बताया जाता है ही 80% शौचालय कागजों के फाइलों में सिमट कर रह गई है बावजूद बीडीओ, सीओ, एसडीओ, जिलाधिकारी के कौन कहे भाजपा के भी सांसद, विधायक, संगठन के प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा ? भ्रष्टाचार इस तरह हावी है कि ईमानदार अधिकारी और कर्मचारी ढूंढने पर भी नहीं मिलता।क्या सांसद विधायक, संगठन के प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने की स्थिति में है। यदि भाजपा के पदाधिकारी यदि कोई ठोस कदम उठाए तो 80% समस्याएं स्वयं समाप्त हो जाएगा। भाजपा के शीर्ष नेताओं से लेकर सामान्य कार्यकर्ताओं को भी जागरूक होने की जरूरत है।