ब्रेकिंग
खाद के लिए छतरपुर की मंडी परिसर में गोदाम पर आपस में भिड़े किसान भितरवार में 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा पटवारी छिंदवाड़ा, कटनी व दमोह के ग्रामीण क्षेत्र दिखे बाघ और मगरमच्‍छ, ग्रामीण भयभीत जबलपुर की जीआईएफ आयुध निर्माणी में बैरल काटते वक्‍त ब्‍लास्‍ट, घायल कर्मी अस्‍पताल में भर्ती बोर्ड परीक्षाओं में एक केंद्र पर रह सकेंगे अधिकतम 250 परीक्षार्थी, नकल रोकने के लिए कवायद बुरहानपुर में तहसीलदार का रीडर रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, नामांतरण के लिए मांगे थे रुपये MP में निवेश को बढ़ाने CM मोहन यादव पहुंचे लंदन, गर्मजोशी के साथ हुआ स्वागत नदी में डूबने से डॉक्टर और 13 साल की बच्ची की दर्दनाक मौत, रातभर चला रेस्क्यू भोपाल में दर्दनाक हादसा, कॉलेज बस ने स्कूटी को कुचला, पिता की मौत, बेटी घायल ग्वालियर में विधवा महिला को काम दिलाने के बहाने होटल में दुष्कर्म

युद्ध, जलवायु परिवर्तन, कोरोना से महिलाओं और बच्चों को बढ़ा खतरा

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया भर में चल रहे संघर्षों, जलवायु परिवर्तन और कोरोना महामारी ने महिलाओं और बच्चों के लिए खतरा बढ़ा दिया है। खासकर बच्चों में समय पूर्व जन्म की समस्या बढ़ी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2020 में ही दुनियाभर में करीब एक करोड़ 30 लाख बच्चों का जन्म समय से पहले हुआ। समय से पूर्व जन्म लेने वाले 45 प्रतिशत बच्चों का जन्म को सिर्फ पांच देशों में हुआ, जिनमें भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया, इथोपिया और चीन शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ‘बोर्न टू सूनः डिकेट ऑफ एक्शन ऑन प्रीटर्म बर्थ’ में खुलासा हुआ है कि बच्चों का समय से पूर्व जन्म एक इमरजेंसी स्थिति है और यह बच्चों की सेहत पर बुरा असर डालती है। 2020 में समय से पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों में से करीब 10 लाख की मौत हो गई थी। बांग्लादेश में समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों का आंकड़ा सबसे ज्यादा 16.2 प्रतिशत है। इसके बाद मलावी और पाकिस्तान का नंबर आता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि समय से पहले बच्चों के जन्म में वायु प्रदूषण बड़ा कारण है।

 

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.