अपने करियर को नया आयाम देने के लिए तैयारियों में जुटेंगे इंदौर के युवा
इंदौर। शुक्रवार को सीबीएसई के कक्षा 12 वीं परीक्षा के परिणाम आने के बाद अब शहर के युवा अपने करियर को एक नया आयाम देने के साथ ऊंची उड़ान की तैयारी में जुट जाएंगे। नईदुनिया से शहर के होनहार छात्रों ने अपनी इस उपलब्धि और तैयारी को साझा किया और बताया किस तरह वे डाक्टर, इंजीनियर, सीए, डेटा एनालिस्ट व एरो स्पेश इंजीनियर बनकर अपने सपनों की उड़ान भरने की तैयारी में जुटे हैं।
छात्रों ने बताया कि बेहतर परिणाम के पीछे उनके स्कूल व कोचिंग के शिक्षकों के साथ माता व पिता की अथक मेहनत भी है। अचीवर्स ने बताया कि पढ़ाई का निर्धारित समय तय कर खाली समय में पेंटिंग व संगीत सुनने जैसी शौक को निरंतर रखकर भी उन्होंने अपने परीक्षा का परिणाम बेहतर पाया।
12 वीं (पीसीएम)
डाक्टर बनने का है लक्ष्य
नमिया जैन, 12 वी पीसीएम 98.2 प्रतिशत
महू के आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाली नामिया जैन के पिता नीलेश जैन आइआइटी इंदौर में प्रोफेसर हैं वहीं उनकी मां राजुल गोयल गृहिणी हैं। नामिया बताती हैं कि उनका लक्ष्य एम्स में पढ़ाई कर डाक्टर बनना है। मैंने स्कूल की पढ़ाई के साथ कोचिंग का मार्गदर्शन लिया, लेकिन मेरे पिता ने मुझे घर पर कुछ विषयों की बारीकियों को समझाया। स्कूल व कोचिंग के अलावा मैं घर पर हर रोज दो से तीन घंटे पढ़ती थी।
एरो स्पेस इंजीनियरिंग में बनाना है करियर
अनिका पांडे, 12वीं पीसीएम, 96.8 प्रतिशत
अनिका के पिता पलाश पांडे बिजनेसमैन और मां गृहणी हैं। अनिका बताती हैं कि रोजाना तीन से चार घंटे पढ़ाई करती थी। स्कूल में पढ़ाए विषयों को घर आकर याद करती थी। कोचिंग क्लासेस भी जाती थी तो विषय को समझाने में आसानी हुई। यहां तक कि स्कूल की टीचर भी रविवार को भी एक्सट्रा क्लासेस लगाती थी। वे बताती हैं कि मुझे एरो स्पेस इंजीनियर बनना है। इसके लिए जेईई की परीक्षा दी है। अब रिजल्ट का इंतजार कर रही हूं। बीटेक में प्रवेश लेना है।
डेटा एनालिस्ट बनने का है सपना
जागर्व जोशी, 12 वी पीसीएम 96.6 प्रतिशत
आनंद विहार कालोनी में रहने वाले जागर्व जोशी के पिता नीरज जोशी बिजनेसमैन हैं और मां गृहिणी हैं। जागर्व बताते हैं कि उनका सपना डेटा एनालिस्ट बनना है। इसके पहले वे बीएससी मैथ्स (आनर्स) की पढ़ाई करेंगे। मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करना चाहता हूं। मैं कोचिंग नहीं गया और घर पर सेल्फ स्टडी में दो से तीन घंटे का समय देता था।
12 वी (पीसीएम)
मां-पिता की तरह डाक्टर बनने का है सपना
कोशिका झंवर, 12 वी पीसीएम 97.6
तिलक नगर में रहने वाली कोशिका झंवर के पिता डा. धमेन्द्र झंवर एमवाय अस्पताल में प्रोफेसर मेडिसिन के पद पर कार्यरत हैं और मां डा. रुचिता झंवर स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। कोशिका अपने मां-पिता की तरह ही डाक्टर बनना चाहती हैं और उसका लक्ष्य एम्स से पढ़ाई करना है। वे बताती हैं कि परीक्षा की हर रोज 12 से 14 घंटे तैयारी करती थी। उन्हें चित्रकारी का शौक है, ऐसे में पढ़ाई के खाली समय में वो चित्र भी बनाती थी। कोविड के दौरान भी उन्होंने मोबाइल पर भी आनलाइन स्टडी की।
मम्मी ने बनाया फूड चार्ट और स्वास्थ्य का रखा ध्यान
प्रकृति पावेजा, 12 वी पीसीबी, 97.8 प्रतिशत
गुलाब बाग में रहने वाली प्रकृति पावेचा के पिता विवेक पावेचा बिजनेसमेन हैं और मां प्रेरणा पावेचा आहार व पोषण विशेषज्ञ हैं। प्रकृति का कहना है कि हेल्थ व वेलनेस सेंटर में खुद का बिजनेस शुरु करना उनका लक्ष्य है। परीक्षा की तैयारी के लिए वो सोशल मीडिया से दूर रही हैं। उनमी मम्मी ने बेटी का फूड चार्ट भी तैयार किया। प्रकृति को जंक फूड के बजाए ताजे फल, सब्जी व ड्रायफ्रूट्स खाने को दिए। प्रकृति प्रतिदिन व्यायाम करती थी और मनोरंजन के लिए कामेडी शो देखती थी।
डाक्टर बनकर समाज की सेवा करना है लक्ष्य
सौमित्र चौरे,12 वी पीसीबी 96.8 प्रतिशत
बख्तावर राम नगर में रहने सौमित्र चौरे के पिता अशीष कुमार चौरे पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर व मां मनीषा गृहिणी हैं। सौमित्र ने बताया कि जब वे कक्षा सातवीं में थे तब उनकी दादी अस्पताल में भर्ती हुई थी। उस समय उन्होंने चिकित्सकों को नजदीक से देखा था, उसी समय से उनका सपना डाक्टर बनने का था। कोविड के दौरान चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका देख वे मेडिकल क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित हुए। वे बताते हैं कि स्कूल व कोचिंग के बाद उनकी मम्मी उन्हें घर पर बायो व कैमिस्ट्री पढ़ाती थी। वे हर दिन करीब 12 से 14 घंटे पढ़ाई करते थे।
12 वी (कामर्स)
आइआइएम में पढ़ने का है लक्ष्य
देवांगी शाह, 12 वी कार्मस 98.8 प्रतिशत
इंदौर के रानी सती गेट स्थित अहिल्या माता कॉलोनी में रहने वाली देवांगी शाह कामर्स व गणित विषय में कक्षा 12 वी में 98.8 % अंक लायी है। देवांगी के पिता केतन शाह कृषि उपकरण का व्यवसाय है वही उनकी मां साधना हाउसवाइफ हैं । सेंट रेफ़ियल्स स्कूल में पढ़ने वाली देवांगी का कहना है कि उसने लक्ष्य बनाकर परीक्षा की तैयारी की परीक्षा के एक माह पहले से 8 – 8 घंटे पढ़ाई की । देवांगी का लक्ष्य आईआईएम के आईपीएम कोर्स में प्रवेश लेना है।
यूएस में अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने जाएंगे
निहार शाह 12 वी कामर्स 98 प्रतिशत
रानी सती गेट क्षेत्र में अहिल्यामाता कालोनी में रहने वाले निहार शाह के पिता आशीष शाह टीसीएस में डिलेवरी हेड व मां शिल्पी शाह वैल्यू लैब्स कंपनी में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट है। कक्षा 12 वी (कामर्स) में 98 प्रतिशत अंक लाने वाले निहार का अगला लक्ष्य यूएस की यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र की पढ़ाई के लिए जाना है। परीक्षा के दौरान उन्होंने अपना टाइम मैनेजममेंट किया और खाली समय में वे साइकिलिंग व स्वीमिंग नियमित करते थे। उन्होंने किसी भी कोचिंग की पढ़ाई नहीं की और स्कूल में शिक्षकों के मार्गदर्शन के साथ नियमित पढ़ाई कर ये मुकाम हासिल किया।
12 वी (मानविकी)
पिता की तरह बनना है प्रशासनिक अधिकारी
अनुश्री सिन्हा, 98.6 प्रतिशत, मानविकी
अनुश्री के पिता रजनीश सिन्हा महिला व बाल विकास विभाग में पदस्थ हैं और मां नीलम सिन्हा गृहणी हैं। अनुश्री बताती हैं कि पढ़ाई के लिए कोई समय तय नहीं है। जब मन करता था तब पढ़ाई करती थी। कोचिंग क्लासेस नहीं जाती थी। वैसे पढ़ाई के अलावा कथक और तबेला में विशारद की उपाधि ले रखी है। वे बताती हैं कि सिविल सर्विसेस यानी यूपीएससी की तैयारी करना है, क्योंकि मुझे राजनीति शास्त्र, इतिहास और मनोविज्ञान विषय में काफी रूचि है।
रिसर्च के क्षेत्र में बनाएगी अपना करियर
दीक्षा सुपेकर, 12वीं मानविकी, 98.2 प्रतिशत
दीक्षा सुपेकर के पिता मीडिया समूह में उच्च पद पर कार्यरत हैं। दीक्षा बताती है कि 12वीं पास करने के बाद अब मुझे मनोविज्ञान से स्नातक और स्नातकोत्तर करना है। बीए के बाद एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद पीएचडी करूंगी, क्योंकि मुझे शोध कार्य करने में काफी रूचि है। वे बताती है कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में युवा खुद पर काफी दबाव महसूस करते है। कई बार गलत कदम उठाते है। उसे देखते हुए मुझे लोगों की काउंसिलिंग करना पसंद है।
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