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फतुहा विश्व रक्तदाता दिवस पर आयोजन : डॉ लक्ष्मी नारायण

फतुहा। होम्योपैथिक अस्पताल फतुहा में विश्व रक्तदाता दिवस का आयोजन किया गया जिसका अध्यक्षता रेखा शर्मा, संचालन अनामिका पांडे, मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल। डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह ने कहा रक्तदान महादान है। उन्होंने कहा कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है और ना ही इसे कृत्रिम रूप से लैब में संभव है। हर साल लाखों लोगों की मौत खून की कमी के कारण हो जाती है। निश्चित रूप से इसका सबसे बड़ा कारण है रक्तदान के प्रति जागरूकता का अभाव। प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में कुल 1034 ब्लड बैंक है, वित्तीय वर्ष 2021 22 एक लाख 16 हजार 368 यूनिट रक्त का संग्रह किया गया था ,इसके लिए राज्य में साल भर में 811 शिविर लगाए गए थे। राज्य में कुल 103 ब्लड बैंकों में 43 सरकारी और रेड क्रॉस समर्थित एवं 54 अन्य ब्लड बैंक काम कर रहे हैं सही ब्लड बैंकों का ऑनलाइन किया गया है। पहले रक्त दान में जानकारी के अभाव में हिचकते थे परन्तु आज
महिलाओं में भी रक्तदान में जुनून देखा जा रहा है। पटना स्थित खाजपुरा शिव मंदिर बेली रोड की रहने वाली नीलू मोदी 2018 से रक्तदान करती आ रही है। उन्होंने अब तक 15 बार बेटी साक्षी ने 10 बार और श्रेष्ठ में दो बार रक्तदान किया। पटना के एग्जीबिशन रोड में रहने वाले बिजनेसमैन रंजन राय कई वर्षों से रक्तदान कर रहे हैं वह कोशिश करते हैं कि साल में 4 बार रक्तदान करें पर किन्ही कारणों से अगर ऐसा संभव नहीं भी हुआ तो सालाना एक या दो बार तो जरूर करते हैं। अब तक 30 बार रक्तदान कर चुके हैं सबसे पहले रक्त दान उन्होंने वर्ष 1992 में अपनी चाची के लिए किया था। फतुहा डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल का पत्नी शीला पटेल ने कहा कि मेरे रक्तदान से किसी की जान बची अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को तो विशेष रूप से रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए। डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल ने कहा कि रक्तदान को लेकर कई तरह की भ्रांतियां है। लोगों में रक्तदान करने से कमजोरी आती है शरीर में खून की कमी हो जाती है पर ऐसा कुछ भी नहीं है जबकि रक्तदान से शरीर में एनर्जी आती है। नए रक्त बनते हैं और शरीर में तंदुरुस्ती आती है।

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