सरकारी अस्पतालों में जबड़े का फ्रैक्चर और बच्चों के दांतों का भी होगा उपचार
भोपाल। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में दांत के इलाज के लिए अत्याधुनिक इकाई बनाई जाएगी। इसके लिए 40 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। हर इकाई में 55 तरह के उपकरण होंगे।
रूट-कैनाल, दाढ़ की सर्जरी, पायरिया, जबड़े का फ्रैक्चर और छोटे बच्चों के दांतों का उपचार किया जा सकेगा। विशेषकर छोटे बच्चों के दांतों में होने वाली समस्याओं जैसे नस का उपचार, दांत निकालना, पक्के दांत आने तक दांत की जगह सुरक्षित रखना, दांतों में पस, केविटी का उपचार और फिलिंग की जा सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी ने दो माह में इन इकाइयों को शुरू करने के लिए कहा है। वह बुधवार को मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा कर रहे थे।
मंत्री ने बताया कि नई डेंटल इकाइयां जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बनाई जा रही हैं। प्रत्येक जिला चिकित्सालय में तीन डेंटल चेयर के सेट, सिविल अस्पताल में दो डेंटल चेयर सेट और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक डेंटल चेयर का सेट रहेगा। इस तरह से अस्पताल में डेंटिस्ट, स्टाफ और उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
यह उपकरण रहेंगे दंत चिकित्सा इकाई में
डेंटल चेयर, आरव्हीजी एक्स-रे सेंसर्स, रूट-केनाल के लिए एपेक्स लोकेटर के साथ एंडो मोटर, अल्ट्रासोनिक क्लीनर, अल्ट्रासोनिक स्केलर आदि शामिल हैं। साथ ही जेपी. हास्पिटल भोपाल में ओपीजी एक्स-रे मशीन, डायोड लेजर, फिजियो डिसपेंसर, इलेक्ट्रोकाटरी मशीन, पीज़ोइलेक्ट्रिक मशीन भी उपलब्ध कराई जाएग
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