बेटी से मिलकर घर लौट रहे परिवार पर हाथी ने किया हमला महिला की मौत
जशपुरनगर । बेटी से मिल कर घर वापस लौट रही महिला पर हाथी ने हमला कर दिया। हाथी के हमले से महिला की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना जिले के बादलखोल अभ्यारण्य क्षेत्र की है। जानकारी के अनुसार बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुटमा के आश्रित ग्राम सलखाडांड निवासी ठुनकी बाई(50) अपने पति और चार बच्चो के साथ बेटी से मिलने के लिए ग्राम बांसाधार गई थी।
देर रात लगभग 11 बजे परिवार सहित वापस घर की ओर लौट रहे थे. इस दौरान गांव के समीप ही मक्के की खेत से पार होने के समय खेत मे मक्का खा रहे एक हाथी ने परिवार पर हमला कर दिया। हाथी के हमले से परिवार के सदस्य जान बचाने के लिए इधर उधर भाग गए लेकिन हाथी ने महिला ठुनकी बाई को दौड़ाकर सूढ़ में लपेटकर जमीन में पटक दिया और पैर से कुचल दिया। घटना मे महिला की मौक़े पर ही मौत हो गई।
मृतिका के स्वजनों का कहना है की ठुनकी बाई को कुचलने के बाद हाथी ने उन्हें भी दौड़ाया था लेकिन खेत के कीचड मे पैर फिसल जाने से वह गिर गया, जिससे उनकी जान बच गई। घटना की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पहुंचकर पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार ले लिए अंतरिम सहायता राशि उपलब्ध कराया गया है।
माह मे चौथी घटना
जानकारी के लिए बता दें की हाथी के आक्रमण मे एक माह मे जनहानि की यह चौथी घटना है। कुटमा से पहले हाथी के हमले मे तपकरा, कांसाबेल और कुनकुरी वन परिक्षेत्र मे एक-एक ग्रामीण की मृत्यु हो चुकी है। इन दिनों खेतो में धान, मक्का और दलहनी फ़सल के साथ गांव के पेड़ो मे लगे हुए पके कटहल से हाथी आकर्षित हो रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों का दावा है की हाथियो से लोगो को सुरक्षित रखने के लिए हाथियों की हलचल की लगातार जानकारी मुनादी और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगो को दी जा रही है. लेकिन खेत और जंगल मे आने जाने के दौरान लोग हाथियो के हमले का शिकार हो रहे हैं।
तपकरा मे नौ हाथियो ने जमाया डेरा
वहीं दूसरी ओर ओड़िसा और झारखंड की सीमा मे स्थित तपकरा वन परिक्षेत्र मे अलग-अलग स्थानो मे 13 हाथियो ने डेरा जमाया हुआ है। वन विभाग के डेली रिपोर्ट के अनुसार बनगांव मे 3, जमुना मे 3, सिंगीबहार मे 2 हाथी जमे हुए है। वन विभाग के अनुसार चार हाथी ओड़िशा की ओर चले गए हैं। वन विभाग ने हाथियों की मौजूदगी वाले जंगल से दूरी बनाएं रखने और घर मे कटहल, महुआ, धान और शराब ना रखने की सलाह ग्रामीणों को दी है।
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