मुस्लिम देशों से लेकर US तक… क्या है अबॉर्शन का कानून, भारत में क्या स्थिति?
प्रेगनेंसी को लेकर महिलाएं काफी खुश होती हैं तो यही प्रेगनेंसी कभी-कभी उनके लिए डार्क चैप्टर बनकर रह जाती है. कभी उनकी खुद की जिंदगी खतरे में आ जाती है, इसके चलते महिलाएं अबॉर्शन का सहारा लेती हैं लेकिन अबॉर्शन को लेकर हर देश में अलग-अलग कानून हैं. कुछ देशों में अबॉर्शन पर बैन लगाया गया है तो कहीं इसको लीगल करने की मुहिम चल रही है. अबॉर्शन को लेकर पूरी दुनिया में एक बहस छिड़ी हुई है. चलिए बात करते हैं कि भारत में अबॉर्शन की क्या स्थिति है, इसको लेकर क्या कहता है कानून? इसके साथ ही जानते हैं अबॉर्शन का डार्क चैप्टर, जहां महिलाओं को अबॉर्शन कराने के लिए मजबूर किया जाता है और उन के शरीर पर अबॉर्शन कराने से क्या असर होता है.
UAE में भी अबॉर्शन को लेकर रियायत
पहली बार मुस्लिम देश UAE में भी अबॉर्शन को लेकर रियायत दी गई है. यूएई में हाल ही में अबॉर्शन के कानून में ढील दी गई, जिसके चलते अब रेप और खूनी रिश्तों के बीच शारीरिक संबंध बनाने के केस में अबॉर्शन की इजाजत दी गई है. हालांकि, ट्यूनीशिया पहला मुस्लिम देश है जिसने महिलाओं को अबॉर्शन की इजाजत दी. साल 1973 में इस देश ने महिलाओं को अबॉर्शन की इजाजत दी थी.
US में अबॉर्शन पर बैन, फ्रांस में अधिकार
अमेरिका में अबॉर्शनपर बैन है तो वहीं फ्रांस में इसकी इजाजत दी गई है. अमेरिका ने 14 शहरों में अबॉर्शन को बैन कर दिया है. हालांकि, हर शहर में अलग-अलग शर्ते हैं, कहीं कुछ शर्तों के साथ अबॉर्शन की इजाजत दी गई है तो कहीं कुछ. वहीं, फ्रांस ने महिलाओं की आवाज को सुनते हुए अबॉर्शन के अधिकार को अपने संविधान में शामिल कर लिया है.
क्या कहती है WHO की रिपोर्ट?
(WORLD HEALTH ORGANISATION) की 17 मई 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनिया भर में लगभग 73 मिलियन अबॉर्शन होते हैं, जिनमें 10 में से छह (61%) अबॉर्शन अनचाही प्रेनेंसी की वजह से होते हैं और 10 में से 3 (29%), अबॉर्शन महिला पर दबाव बना कर कराए जाते हैं. वहीं भारत की बात करें तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने साल 2023 में 14 मार्च को राज्यसभा में एक रिपोर्ट सामने रखी, जिसके मुताबिक, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले वित्तीय वर्ष में 11 लाख 44 हजार 634 अबॉर्शन के मामले सामने आए.
अबॉर्शन एक मेडिकल सुविधा
अबॉर्शन को दो रूप में देखा जा सकता है, एक तो मेडिकल सुविधा और दूसरा डार्क चैप्टर. अबॉर्शन समय के साथ एक मेडिकल सुविधा बन कर उभरा है, जिसके चलते महिला की जान खतरे में होने पर अबॉर्शन कर महिला की जिंदगी को बचाया जा सकता है. उधर, भारत में क्राइम रेट काफी बढ़ा है. भारत के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में भारत में प्रतिदिन औसतन लगभग 90 रेप के मामले दर्ज किए गए. अपराध के चलते प्रेग्नेंट होने पर अबॉर्शन एक वरदान के जैसा ही है.
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