बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे पर चला बुलडोजर, गुस्साए लोगों ने क्या कहा?
पूर्वांचल की राजनीति में बाहुवली नेता के रूप में पहचान बनाने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा लगाने के लिए बनाए गए चबूतरे को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. गोरखपुर जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से ग्रामीण आक्रोशित हो गए. उन्होंने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस बीच कई थानों का पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद रहा. पंडित हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा उनकी जयंती पर उनके पैतृक गांव टांडा में लगने वाली थी.
पूर्व कैबिनेट मंत्री की प्रतिमा लगाने के लिए प्रस्ताव ग्राम पंचायत की भूमि प्रबंध समिति ने सर्वसम्मति से पारित किया था. एसडीएम का कहना है कि राजा वशिष्ठ त्रिपाठी ने 21 जुलाई को इसके खिलाफ उच्चाधिकारियों को पत्र लिख कर शिकायत की थी. उन्होंने पत्र द्वारा अधिकारियों को बताया था कि सरकारी भूमि पर बिना शासनादेश के मूर्ति को स्थापित किया जा रहा है और मुख्य द्वार का भी नाम बदला जा रहा हैं.
प्रस्ताव को लेकर SDM के पास ग्रामीणों संग पहुंचे थे प्रधान
पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की जन्म दिन पर उनके पैतृक गांव टांडा में उनकी प्रतिमा को लगाने का निर्णय ग्रामीण और ग्राम प्रधान द्वारा लिया गया था. 5 अगस्त को उनकी प्रतिमा स्थापित होनी थीं. भूमि प्रबंध समिति का प्रस्ताव लेकर प्रधान और गांव के अन्य लोग उप जिलाधिकारी के पास पहुंचे. लेकिन वहां प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं मिलने के बाद उन्होंने 29 जुलाई को जिलाधिकारी से मुलाकात की. डीएम को उनके द्वारा ग्राम पंचायत और समिति का प्रस्ताव सौंपा गया और प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति मांगी.
ग्रामीणों ने जताया गुस्सा
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा ना तो अनुमति दी गई और नहीं प्रतिमा स्थापित करने के लिए मना किया गया. बुधवार को पूर्व मंत्री की प्रतिमा स्थापित करने के लिए बन रहे चबूतरे को हटाने के लिए उपजिलाधिकारी राजू कुमार, क्षेत्राधिकारी समते कई थाने की पुलिस फोर्स के साथ गांव टांडा पहुंच गए. उन्होंने चबूतरे को ढहवा दिया. इस दौरान प्रशासन को ग्रामीणों का विरोध भी झेलना पड़ा. प्रशासनिक अधिकारियों से ग्रामीणों की तीखी नोक झोंक भी हुई. गुस्साए ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
SDM ने चबूतरे को बताया अवैध निर्माण
इस मामले में उपजिलाधिकारी राजू कुमार ने बताया की ग्राम सभा टांडा के राजा वशिष्ठ त्रिपाठी द्वारा शिकायत की गई थी. जिसमें बताया गया था कि ग्राम समाज की भूमि पर ग्राम प्रधान और कुछ गांव के लोगों द्वारा पंडित हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए चबूतरा तैयार किया जा रहा है. इसका राजस्व के द्वारा जांच कराई जाए. उन्होंने बताया कि राजस्व की जांच में अवैध निर्माण की पुष्टि होने पर ग्राम प्रधान को चबूतरा हटवाने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने न तो काम रोका और न हीं चबूतरा हटवाया. जिस पर कार्रवाई करते हुए चबूतरे को ढहा दिया गया है.
डुगडुगी पिटवाकर सर्वसम्मति से हुआ था प्रस्ताव पास: प्रधान
ग्राम प्रधान दयाशंकर तिवारी ने बताया कि गांव की प्रवेश द्वार के बगल में हीं पूर्व मंत्री की प्रतिमा को स्थापित करना था. प्रवेश द्वार के बगल में नवीन प्रति की भूमि थी. जिस पर निर्माण कार्य चल रहा था. 5 अगस्त को पूर्व मंत्री के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर मूर्ति स्थापित कर श्रद्धांजलि देने के लिए डुगडुगी पिटवाकर सर्वसम्मति से ग्राम प्रधान का प्रस्ताव पारित किया गया था. ग्राम प्रधान ने बताया कि प्रशासन द्वारा चबूतरे को ढहवाने से पहले कोई भी नोटिस नहीं दिया गया. प्रशासन द्वारा जो कार्रवाई की गई है वह गलत है.
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