जातिगत जनगणना विवाद के बीच जेपी नड्डा से मिलीं कंगना, नीतिगत मामलों पर न बोलने की नसीहत
बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत विवादों में बनी हुई हैं. किसानों पर बयान देकर विपक्ष के निशाने पर आईं मंडी से सांसद कंगना रनौत के जातिगत जनगणना वाले बयान पर विवाद हो गया है. इस बीच गुरुवार को कंगना ने दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है.
बताया जा रहा है कि जेपी नड्डा ने कंगना से कहा कि अगर आपको बातें करनी है तो आपको अपने संसदीय क्षेत्र के बारे में बात करनी चाहिए, वहां की समस्यों के बारे में बात करें, लेकिन ऐसी बातें जोकि नीतिगत मुद्दे हैं और जिनपर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व में फैसला होता है या ऐसे मुद्दे जो कहीं ना कहीं सरकार से जुड़े होते हैं, उन बातों या उन मुद्दों पर आप बयान ना दें. आप सांसद जरूर हैं, लेकिन नीतिगत मामलों पर आप अधिकृत नहीं है और ना ही आपको इनपर बोलने की अनुमति है.
जाहिर है बीजेपी कंगना के बयान को लेकर अपना नफा-नुकसान देख रही है, जब किसान नेताओं को लेकर इस तरह के बयान दिए जाते हैं और उसपर प्रतिक्रिया देखने को मिलती है तो बीजेपी ने समय रहते कंगना को समझाने की कोशिश की है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना रनौत का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें कंगना कह रही हैं कि देश में जातिगत जनगणना बिल्कुल नहीं होनी चाहिए. कंगना के इस बयान को कांग्रेस ने बीजेपी की सोच बताया है और कहा है कि बीजेपी जातिगत जनगणना के खिलाफ है.
कांग्रेस के हमले के बाद जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा है कि कंगना रनौत के बयानों से बीजेपी ने खुद को अलग कर लिया है, वो बीजेपी की अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं, जेडीयू देश भर में जातिगत जनगणना के पक्ष में है.
विवादों में कंगना रनौत
कंगना ने हाल ही में कहा था कि अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो भारत में ‘बांग्लादेश जैसी स्थिति’ पैदा हो सकती थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान वह शव लटक रहे थे और बलात्कार हो रहे थे. जाट किसान बहुल हरियाणा में विधानसभा चुनाव के तहत आगामी एक अक्टूबर को मतदान होने जा रहा है, ऐसे में विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधा.
इस बीच बीजेपी ने अपनी सांसद के विचारों से असहमति व्यक्त की और यह स्पष्ट किया कि उन्हें पार्टी के नीतिगत मामलों पर टिप्पणी करने की न तो अनुमति है और न ही वह इसके लिए अधिकृत हैं.
बीजेपी को अंदाजा लगा कि इसका नुकसान हरियाणा में हो सकता है, क्योंकि वहां किसान में बीजेपी को लेकर नाराजगी है. इसको देखते हुए बीजेपी ने कंगना के बयान से किनारा किया, बल्कि यह भी ताकीद की चूंकि यह नीतिगत मामले हैं जिसको लेकर कंगना ना ही अधिकृत हैं और ना ही उनको ऐसा बोलने की अनुमति है.
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