नोएडा और यमुना अथॉरिटी के 9 अफसर सस्पेंड, आखिर क्यों गिरी गाज?
उत्तर प्रदेश के नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यमुना अथॉरिटी के 9 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. निलंबित अधिकारियों में नोएडा अथॉरिटी के 6 अधिकारी, यमुना अथॉरिटी के 1 और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के 2 अधिकारियों के नाम शामिल हैं. आरोप है कि ट्रांसफर के बाद भी इन लोगों ने ट्रांसफर वाली जगहों पर ज्वाइनिंग नहीं की थी.
अथॉरिटी के इन अधिकारियों के अलावा तीन अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए हैं. नई ज्वाइनिंग नहीं करने पर शासन ने सभी के खिलाफ कार्रवाई की है. औद्योगिक विकास प्रमुख सचिव अनिल सागर ने इस सस्पेंशन के आदेश दिए हैं जिसके बाद से विभाग में हलचल मच गई है.
ऑर्डर आने पर भी जमे बैठे थे अधिकारी
जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है वह ट्रांसफर का ऑर्डर आने के बाद भी उसी जगह पर जमे बैठे थे. प्रशासन ने विभागों में अनुशासन बढ़ाने के लिए ऐसे सख्त कदम लेने की बात पहले भी कई बार कही है. इन प्रशासनिक अधिकारियों में नोएडा अथॉरिटी के सहायक विधि अधिकारी नरदेव, निजी सचिव विजेंद्र पाल सिंह, सहायक प्रबंधक यूएस फारूख, सहायक विधि अधिकारी सुशील भाटी, प्रबंधक सुमित ग्रोवर, लेखाकार प्रमोद कुमार शामिल हैं. वहीं यमुना अथॉरिटी से प्रबंधक अजब सिंह भाटी को सस्पेंड किया गया है.
योगी सरकार 2.0 का बड़ा एक्शन
इनके अलावा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में सहायक प्रबंधक सुरेंद्र कुमार और प्रबंधक विजय कुमार वाजपई को भी सस्पेंड कर दिया गया है. नोएडा अथॉरिटी के तीन अधिकारी DGM विजय रावल, SM सतेंद्र गिरी और सहायक प्रबंधक प्रेम कुमार के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपने त्वरित एक्शन के लिए जानें जाते हैं. वह कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि सरकारी अफसरों और बाबूओं को अपने विभागों में पूरे ढ़ंग से और तत्परता से काम करना है, अगर वह ऐसा नहीं करते तो उनपर कार्रवाई की जाएगी. योगी सरकार के इस एक्शन से फिलहाल बाकी विभागों के लिए भी एक कड़ा संदेश दिया गया है.
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