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मप्र में केरल की तर्ज पर मेडिकल टूरिज्म विकसित करने की तैयारी, अस्पतालों में 46 हजार से ज्यादा पदों पर होंगी भर्तियां

 ग्वालियर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में केरल की तरह प्राकृतिक तथा अन्य वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों पर मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। इसे विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है।

इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। मुख्यमंत्री विजयाराजे सिंधिया विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को समत्व भवन भोपाल से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।

तीन नए मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण जल्द

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 46 हजार 451 नए पदों को स्वीकृति प्रदान की गई है। साथ ही 800 आयुष आरोग्य मंदिरों का संचालन भी आरंभ हुआ है। मंदसौर, नीमच और सिवनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय बनकर तैयार हो गए हैं, शीघ्र ही इनका लोकार्पण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज के साथ आयुर्वेदिक संस्थाओं की संख्या अभी ओर बढ़ेगी। हमारा प्रयास है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल या आयुर्वेदिक कॉलेज अवश्य हो और इससे आमजन को इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जाने की आवश्यकता न रहे।

पांच जिलों में खुलेंगे आयुर्वेदिक अस्पताल

कोविड काल में रोग से बचने के लिए आयुर्वेदिक विधियों और आयुष काढ़े के प्रभाव से सभी परिचित हैं। भारतीय चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 5 जिलों बालाघाट, शहडोल, सागर, मुरैना और नर्मदापुरम में जल्द ही आयुर्वेद चिकित्सालय आरंभ किए जाएंगे।
राज्य सरकार की आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को प्रोत्साहित करने की योजना में समाज के लोगों द्वारा आरंभ किए गए चिकित्सालयों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों में औषधीय खेती को प्रोत्साहित करने के लिए देवारण्य योजना का संचालन किया जा रहा है। औषधीय वनस्पति के प्रति जागरूकता लाने और उनकी मार्केटिंग के लिए हर साल लघु वनोपज मेले भी आयोजित हो रहे हैं।

सम्मेलन में ये रहे मौजूद

शनिवार से शुरू हुए आरोग्य भारती के दो दिवसीय प्रतिनिधि मंडल के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने की। कार्यक्रम में केंद्रीय आयुष मंत्रालय के आयुर्वेद सलाहकार डॉ. कौस्तुभ उपाध्याय, लद्दाख से आए डॉ. पद्मा गुरुमेत, आरोग्य भारती के संरक्षक नेत्र चिकित्सक डॉ. प्रवीण भावसार, आरोग्य भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित, उत्तरप्रदेश से आए होम्योपैथिक विशेषज्ञ डा. बीएन सिंह व आरोग्य भारती संस्था के अन्य पदाधिकारी मंचासीन थे।
साथ ही पूर्व राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश सोनी, विधायक मोहन सिंह राठौड़ व श्रीधर पराड़कर सहित प्रबुद्धजन मौजूद थे।

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