ब्रेकिंग
अडानी से लेकर मणिपुर तक… कांग्रेस ने बताया किन मुद्दों को संसद सत्र में उठाएगी जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली फांसी महाराष्ट्र में प्रचंड जीत के बाद सरकार बनाने की तैयारी तेज, BJP-शिवसेना-NCP की अलग-अलग बैठकें पत्थर तो चलेंगे… संभल बवाल पर बोले रामगोपाल यादव, अखिलेश ने कहा- सरकार ने जानबूझकर कराया पाकिस्तान से जंग में तीन बंकरों को कर दिया था नेस्तनाबूद , कहानी गाजीपुर के राम उग्रह पांडेय की झारखंड: जिस पार्टी का जीता सिर्फ एक विधायक, उसने भी बोला दे दूंगा इस्तीफा गाजियाबाद: डासना मंदिर के बाहर फोर्स तैनात, यति नरसिंहानंद को दिल्ली जाने से रोका, ये है वजह गूगल मैप ने दिया ‘धोखा’… दिखाया गलत रास्ता, पुल से नदी में गिरी कार, 3 की मौत 30 लाख की नौकरी छोड़ी, UPSC क्रैक कर बने IPS, जानें कौन हैं संभल के SP कृष्ण कुमार बिश्नोई? संभल: मस्जिद के सर्वे को लेकर 1 घंटे तक तांडव… फूंक दीं 7 गाड़ियां, 3 की मौत; बवाल की कहानी

घी जैसा बताकर बिक रहा नकली घी… धोखेबाजों ने भगवान को भी नहीं छोड़ा, पूजा के घी में भी मिलावट

 इंदौर। देसी घी जैसा स्वाद, लाइट घी, पूजा घी और बटर से बेहतर जैसी टैग लाइन के साथ घी और मक्खन की नकल बेची जा रही है। दुकान, सुपर स्टोर्स से घी के भ्रम में उपभोक्ता वनस्पति तेल और केमिकल का मिश्रण खरीद रहे हैं।

दुकानों से लेकर ई-कामर्स वेबसाइट पर भी ऐसे उत्पादों की बिक्री हो रही है। इंदौर में एक दिन पहले पकड़ी गई पांच हजार किलो से ज्यादा नकली घी की खेप भी असल में इसी मार्केटिंग रणनीति का हिस्सा है। नियमों का झोल ऐसा है कि घी की नकल बनाने और बेचने के बावजूद मिलावट की कार्रवाई से ये कारोबारी बच जाते हैं।

लाइट घी और देसी घी जैसा स्वाद

कई ब्रांड तो पैक पर लाइट घी या देसी घी जैसा स्वाद लिख देते हैं। इसमें घी शब्द को बोल्ड कर शेष इबारत को छोटा कर दिया जाता है। कोने में या बहुत छोटे अक्षरों में इन पर कुकिंग मीडियम लिखा होता है। शुद्ध घी से 100 से 200 रुपये सस्ता होने से उपभोक्ता लालच में आ जाता है। ब्रांड नेम और पैकिंग देख असली घी समझ खरीद भी लेता है।

पूजा घी पूरी तरह नकली

पूजन सामग्री की दुकानों पर पूजा घी के नाम से बिकने वाला घी तो पूरी तरह नकली होता है। इनमें से कई तो अखाद्य तेलों से बने होते हैं। आम उपभोक्ता घी के साथ पूजा जैसा पवित्र शब्द पढ़कर इसे असली मानकर खरीद लेता है। बीते वर्षों में एक के बाद एक कई ब्रांड ऐसे पूजा घी लांच कर चुके हैं। नियमों की अस्पष्टता इन्हें नकली घी बेचने की आजादी दे रही है।

कार्रवाई के नियम नहीं

हाई कोर्ट के वकील निमेष पाठक के अनुसार आमतौर पर ऐसे उत्पाद बना रहे कारोबारी पैकिंग पर देसी घी या शुद्ध घी नहीं लिखते हैं। इन पर कुकिंग मीडियम, घी जैसा स्वाद या घी का विकल्प लिखा जाता है। या सिर्फ घी की तस्वीर छापकर ब्रांड नेम छाप दिया जाता है। दरअसल कानून में कहीं भी ऐसी टैगलाइन या तस्वीर को प्रतिबंधित करने का प्रविधान नहीं हैं।

ऐसे में कानूनन इन पर मिलावट या नकली घी बेचने की कार्रवाई नहीं हो सकती। पैक के पीछे ये बारीक अक्षरों में अवयवों का विवरण लिख देते हैं, जो आमतौर पर उपभोक्ता नहीं पढ़ता। पूजा घी लिखकर भी वे कार्रवाई से बचे रहते हैं क्योंकि उनकी दलील होती है कि यह खाने का नहीं, पूजा के लिए है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.