हरियाणा में कांग्रेस जहां-जहां कमजोर, राहुल-प्रियंका गांधी वहां-वहां लगा रहे सियासी जोर, क्या यात्रा से बदलेगी बाजी?
हरियाणा विधानसभा चुनाव की सियासी जंग फतह करने के लिए कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. प्रदेश में दो जनसभाएं संबोधित करने के बाद राहुल गांधी ने अब रैलियों की बजाय रथ यात्रा के जरिए सियासी माहौल बनाने का प्लान बनाया है. राहुल गांधी सोमवार को अंबाला से अपनी विजय संकल्प यात्रा शुरू करेंगे. राहुल की यात्रा के रूट प्लान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अपने दुर्ग को और मजबूत करने की कोशिश कर रही है. साथ ही इस यात्रा को कांग्रेस की बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की स्ट्रैटेजी माना जा रहा है. इसीलिए चुनाव प्रचार थमने से पहले राहुल ने ज्यादा से ज्यादा सीटों पर पहुंचने के लिए ही यात्रा का रास्ता अपनाया है.
राहुल गांधी ने करनाल के असंध सीट से हरियाणा विधानसभा चुनाव का आगाज किया था और उसके बाद हिसार की बरवाला में जनसभा को संबोधित किया था. इस तरह राहुल गांधी ने अपनी दो रैलियों के जरिए हरियाणा की बेहद अहम मानी जाने वाली जीटी बेल्ट को साधने की कोशिश की थी. जीटी बेल्ट का इलाका बीजेपी का मजबूत दुर्ग माना जाता है तो कांग्रेस के लिए यह सबसे ज्यादा मुश्किल भरा बना हुआ है. इसीलिए राहुल गांधी ने जीटी बेल्ट वाले इलाके में रथ यात्रा करके कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की स्ट्रैटेजी अपनाई है. इस तरह हरियाणा में कांग्रेस जहां-जहां पर कमजोर दिख रही है, वहां-वहां राहुल गांधी अपनी यात्रा के जरिए जोर लगाते हुए नजर आएंगे.
अंबाला के नारायणगढ़ से शुरू होगी यात्रा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी सोमवार को अबंला के नारायणगढ़ में रैली को संबोधित कर रथ से रवाना होंगे. इसके बाद बिलासुर रोड और सदौरा होते हुए यमुनानगर में पहुंचेंगे. यमुनानगर और अंबाला के बाद वह साहा और फिर कुरुक्षेत्र जिले का दौरा करेंगे. राजीव चौक, साहा, अंबाला में स्वागत का कार्यक्रम रखा गया है. इसके बाद शहीद उधम सिंह चौक और कुरुक्षेत्र में स्वागत कार्यक्रम रखा गया है.
लाडवा कुरुक्षेत्र में स्वागत, पीपली चौक कुरुक्षेत्र में स्वागत और जनसभा, सेक्टर 10, थानेश्वर, कुरुक्षेत्र में जनसभा होगी. लाडवा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं, जहां राहुल और प्रियंका गांधी दोनों ही की जनसभाएं रखी गई हैं.
50 सीटों को कवर करने की रणनीति
राहुल गांधी कुरुक्षेत्र में रात्रि विश्राम करेंगे और फिर दूसरे दिन अपनी यात्रा का आगाज करेंगे. इस दौरान प्रियंका गांधी भी उनके साथ रहेंगी. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अगले चार दिनों तक हरियाणा के सियासी रण में अपनी यात्रा के जरिए कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे. यात्रा के जरिए कांग्रेस के मजबूत इलाके पर पकड़ बनाए रखने के साथ-साथ बीजेपी के दुर्ग को भेदने की स्ट्रैटेजी बनाई गई है. राहुल गांधी की अब 3 अक्टूबर की शाम तक हरियाणा की करीब 50 विधानसभा सीटों को कवर करने की रणनीति है.
बीजेपी के दुर्ग को भेदने की स्ट्रैटेजी
कांग्रेस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के हरियाणा में रथ यात्रा का रोडमैप ऐसा तैयार किया है, जिसके जरिए बीजेपी के किले को भेदा जा सके. जाटलैंड में कांग्रेस मजबूत है, लेकिन जीटी बेल्ट और अहिरवाल इलाके में बीजेपी की मजबूत पकड़ है, तो पश्चिमी हरियाणा में जेजेपी ने बेहतर प्रदर्शन किया था. जेजेपी का असर 2019 की तरह नहीं है, लेकिन बीजेपी ने जेटी बेल्ट और अहिरवाल में अपनी पकड़ बनाए रखी है. इसीलिए राहुल गांधी ने बीजेपी के दुर्ग में उतरकर चुनौती देने और कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का दांव चला है.
पहले दिन का शेड्यूल
राहुल गांधी अपनी यात्रा के पहले दिन छह बेहद अहम विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे. राहुल गांधी की पदयात्रा की शुरुआत अंबाला के नारायणगढ़ में सभा के साथ होगी. इसके बाद वह यमुनानगर होते हुए मुलाना पहुंचेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद वह शाहबाद और लाडवा होते हुए कुरुक्षेत्र पहुंचेंगे. लाडवा सीट से सीएम नायब सैनी खुद चुनाव मैदान में हैं, यहां उन्हें कांग्रेस के मेवा सिंह से कड़ी टक्कर मिल रही. ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की यह रथ यात्रा उसी तरह से माहौल बनाने का काम करेगी, जैसे क्रिकेट मैच के आखिरी ओवर में धुआंधार बल्लेबाजी होती है.
भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा भी होंगी शामिल
राहुल गांधी ने इससे पहले गुरुवार को असंध और बरवाला अपनी दो रैलियों से 17 विधानसभाओं क्षेत्र को साधने का दांव चला था. करनाल, पानीपत और सफीदों सीट की बात करें तो कुल 10 सीटों में से 5 सीटें बीजेपी ने जीती. हिसार की सात में से 4 सीटें बीजेपी और तीन जेजेपी ने जीती थी. जेजेपी विधायक बाद में बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ऐसे में कुल 17 सीटों में से 4 कांग्रेस के पास है. नीलोखेड़ी के निर्दलीय विधायक अब कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. अब अंबाला से लेकर कुरुक्षेत्र तक की सीटों को साधने के लिए राहुल गांधी उतर रहे हैं.
हरियाणा विधानसभा चुनाव के अंतिम दिनों में ताबड़तोड़ प्रचार के लिए भाई-बहन की जोड़ी अगले चार दिनों तक के लिए चुनावी समर में उतरी है. सोमवार को दोनों नेता तीन जिलों अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र की विधानसभाओं पर प्रचार करते नजर आएंगे . कांग्रेस ने अभी केवल एक दिन का ही शेड्यूल जारी किया है. ऐसे ही मंगलवार और बुधवार के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली है, जिसकी घोषणा शाम तक की जाएगी. राहुल और प्रियंका के साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उदयभान और कुमारी सैलजा भी शामिल होंगी. 2019 के चुनाव में नारायणगढ़, साढौरा, लाडवा और मुलाना में कांग्रेस को जीत मिली थी और पहले से भी यहां पार्टी मजबूत रही है. इसलिए यहां से रथ यात्रा निकालने का मकसद है कि इन सीटों पर पार्टी और मजबूत हो और कार्यकर्ताओं में जोश भरा जा सके.
क्या है हरियाणा का समीकरण
पीएम नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले कुरुक्षेत्र में रैली करके हरियाणा में चुनाव प्रचार का आगाज किया था. इसीलिए कुरुक्षेत्र काफी महत्वूपर्ण है, क्योंकि यहां बीजेपी का कब्जा है. जीटी बेल्ट इलाके में पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, पानीपत और कैथल जिले आते हैं. इस इलाके में कुल 27 विधानसभा सीटें आती हैं. बीजेपी इस इलाके की बदौलत 2014 और 2019 में सरकार बनाने में कामयाब रही थी. जीटी बेल्ट इलाके की 27 में से 14 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है और कांग्रेस के पास सिर्फ 9 सीटें है. इसी के चलते बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने के लिए राहुल और प्रियंका गांधी की जनसभा तय की गई है. माना जा रहा है कि इसी तरह से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की दक्षिण हरियाणा जिसे अहिरावाल बेल्ट माना जाता है, वहां पर भी रैली कराने की रणनीति है.
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