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भगवान शिव के वाहन नंदी किसकी संतान हैं? जानें उनके जन्म से जुड़ी कथा

 नंदी को भगवान शिव का सबसे प्रिय गण माना जाता है. कहते हैं कि जहां भगवान शिव वहां उनके वाहन नंदी होते हैं. इसके अलावा मान्यता यह भी हैं कि अगर आपकी कोई इच्छा है तो उसे आप नंदी जी के कानों में कहा दें तो वह भगवान शिव के पास पहुंच जाती है. शिवालय में भोलेनाथ की मूर्ति के सामने बैल रूपी नंदी जरुर विराजित होते हैं.

कौन हैं नंदी? (Who Is Nandi)

नंदी को भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश का द्वारपाल कहा जाता है. वह शिवजी के वाहन होने के साथ उनके सबसे प्रिय भक्त भी हैं. नंदी को शक्ति-संपन्नता और कर्मठता का प्रतीक माना जाता है.

किसकी संतान हैं नंदि? ( Nandi Kiske Bete Hai)

कथा के अनुसार, प्राचीन काल में शिलाद नाम के एक ऋषि थे जिन्होंने कठोर तपस्या कर भगवान शिव से वरदान नंदी को पुत्र रूप में पाया था. उसके बाद ऋषि शिलाद ने नंदी को वेद-पुराण सभी का ज्ञान दिया.

कैसे बने शिव के वाहन? (Nandi Kaise Bane Shiv Ke Vahan)

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ऋषि शिलाद के आश्रम में दो संत आए और पिता के आदेश पर नंदी जी ने उनकी खूब सेवा की जब वह संत जाने लगे तो उन्होंने ऋषि शिलाद को दिर्घायु की आशीर्वाद दिया, लेकिन नंदी के लिए कुछ नहीं कहा. यह देख ऋषि शिलाद ने सन्यासियों से इसकी वजह पूछी, तो उन्होंने बताया कि नंदी अल्पायु है. अपने पुत्र के लिए ऐसी बातें सुनकर ऋषि शिलाद चिंतित हो गए, तब नंदी ने उन्हें समझाते हुए कहा कि पिताजी आपने मुझे शिव जी की कृपा से पाया है, तो वो ही मेरी रक्षा करेंगे. इसके बाद नंदी ने शंकर जी के निमित्त कठोर तप किया, नंदी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्हें अपना वाहन बना लिया.

शिवजी की ओर क्यों होता है नंदी का मुख? (Shiv Ji Ki Taraf Muh Karke Kyo Baithte Hai Nandi)

दुनियाभर के शिव मंदिरों में भगवान शिव के सामने नंदी जी विराजमान होते हैं. सभी जगहों पर नंदी जी भगवान शिव की ओर मुख करके बैठे होते हैं. नंदी जी की यह मुद्रा उनके भोलेनाथ के प्रति अटूट ध्यान और भक्ति का प्रतीक है. उनका ध्यान सिर्फ उनके आराध्य पर केंद्रित रहता है.

नंदी के कानों में क्यों बोलते हैं मनोकामना?(Nandi Ke Kaan Kyo Bolte Hai Manokamna)

धार्मिक मान्यता के अनुसार, नंदी जी के कानों में लोग अपनी मनोकामना इसलिए कहते हैं क्योकि भगवान शिव अक्सर तपस्या में लीन रहते हैं. ऐसे में नंदी भक्तों की मनोकामनाएं सुनते हैं और शिव जी तपस्या पूरी होने पर भक्तों की मनोकामनाएं उन्हें बताते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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