37 किलो सोने से चमका काशी विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह, दक्षिण भारत के भक्त ने दान किया सोना…नाम गुप्त रखा
वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वानाथ धाम की आभा अब और भी बढ़ गई है। विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की सभी दीवारों पर सोना लगाया गया है। गर्भगृह की दीवारों पर यह सोना दक्षिण भारत के एक श्रद्धालु ने चढ़ाया है। इस भक्त ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर उनकी मां हीराबेन के तौल के बराबर दान किया था। यह संयोग ही है कि सोना मड़ने के बाद सबसे पहले पीएम मोदी को ही यहां आकर बाबा विश्वनाथ का अभिषेक करने का मौका मिला।
बाबा भोलेनाथ के इस भक्त ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर मंदिर प्रशासन के साथ मिलकर गर्भगृह में सोना मढ़वाया है। गर्भगृह के अंदर 37 किलो सोना लगाने का काम पूरा हो चुका है। अब स्वर्ण शिखर से नीचे बचे हिस्सों और चौखट आदि बदलवाने के लिए 24 किलो सोना लगाने की योजना है। बताया जा रहा है कि महाशिवरात्रि के बाद यह काम शुरू किया जाएगा।
तीन महीने पहले मंदिर में आया था श्रद्धालु
बताया जाता है कि दक्षिण भारत के एक भक्त ने तीन महीने पहले मंदिर आकर इस बात की जानकारी ली थी कि गर्भगृह में कितना सोना लगेगा। तब उसने सोना दान करने की बात कही थी। साथ ही उसने कहा कि उसका नाम गुप्त रखा जाएगा। मंदिर प्रशासन की अनुमति के बाद सोना लगाने के लिए मापने और सांचा बनाने की तैयारी शुरू हुई। महीनेभर की तैयारी के बाद शुक्रवार को सोना लगाने का काम शुरू हुआ, जो रविवार दिन में पूरा हुआ।
महाराजा रणजीत सिंह ने दो शिखरों को स्वर्णमंडित कराया था
साल 1835 में पंजाब के तत्कालीन महाराजा रणजीत सिंह ने विश्वनाथ मंदिर के दो शिखरों को स्वर्णमंडित कराया था। तब साढ़े 22 मन सोना लगा था। इसके बाद कई बार सोना लगाने व उसकी सफाई का कार्य प्रस्तावित हुआ लेकिन गतिरोध आता रहा।
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