वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तैयारियां मजबूत करें, केंद्र का राज्यों को निर्देश
राजधानी दिल्ली समेत देश के कई शहरों में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी देखी जा रही है. दिवाली और ठंड के कारण इसमें और वृद्धि की संभावना है. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि वे इससे निपटने की अपनी तैयारी को मजबूत करें. केंद्र ने राज्य सरकारों से स्वास्थ्य कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया है ताकि प्रदूषण की समस्या से आम जनता को राहत मिल सके.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्थ डिपार्टमेंट को लिखे पत्र में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि वायु प्रदूषण हाल ही में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन गया है. कुछ राज्यों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम से खराब स्तर तक पहुंच गया है. आगामी त्योहारी सीज़न और सर्दियों की शुरुआत को देखते हुए यह स्थिति और भी बदतर हो सकती है.
कई बीमारियों का कारण
अपने पत्र में डॉ. गोयल ने वायु प्रदूषण से होने वाली गंभीर बीमारियों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है और श्वसन, हृदय और मस्तिष्क से जुड़ी पुरानी बीमारियों को बढ़ाता है. वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण ये पुरानी बीमारियां अक्सर समय से पहले मृत्यु दर में वृद्धि का कारण बनती हैं.
प्रदूषण के चलते सबसे अधिक प्रभावित होने वाले समूहों के बारे में चिंता जताते हुए उन्होंने राज्य स्वास्थ्य विभागों और स्वास्थ्य सुविधाओं से अपनी तैयारियों को बढ़ाने का आग्रह किया. इसमें जन जागरूकता अभियान तेज करना, स्थानीय भाषाओं में संदेश प्रसारित करना, स्वास्थ्य सेवा क्षमता को मजबूत करना और जलवायु परिवर्तन तथा मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के लिए निगरानी प्रणाली में भागीदारी बढ़ाना शामिल होना चाहिए.
क्या कदम उठाए जाएं
पत्र में कहा गया है कि इस महत्वपूर्ण समय में, वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाना बहुत ज़रूरी है. इसमें पराली और कचरे को जलाने से मना करना, त्योहारों के दौरान पटाखे ना फोड़ना, निजी डीज़ल या पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, डीज़ल जनरेटर पर निर्भरता सीमित करना और धूम्रपान पर रोक लगाना शामिल है.
लोगों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे बाहर निकलने से पहले सरकारी मोबाइल एप्लिकेशन के ज़रिए वायु गुणवत्ता इंडेक्स की निगरानी करके प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से बचें, भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें और खाना पकाने, हीटिंग और रोशनी के लिए घर पर साफ ईंधन का इस्तेमाल करें.
पत्र मे कहा गया है कि बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और श्वसन तथा हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोग के लिए बाहरी गतिविधियों जैसे खेल और व्यायाम को रोकने की सलाह दी जानी चाहिए. खराब वायु गुणवत्ता के कारण बिगड़ते लक्षणों या परेशानी का अनुभव करने वालों को तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.