मेडल लाओ और नौकरी पाओ… नीतीश सरकार की योजना से राज्य में बदला खिलाड़ियों का जीवन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के अभियान को तेज कर दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया है कि खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. बिहार सरकार ने साल 2010 में ही घोषणा की थी कि खेल प्रतियोगिताओं में जो खिलाड़ी मेडल जीतेंगे, सरकार उन्हें नौकरी देगी. जानकारी के मुताबिक बिहार में इस नीति के तहत साल 2010 में 33 खिलाड़ियों, साल 2011 में 125 खिलाड़ियों, साल 2015 में 82 खिलाड़ियों तथा साल 2020 में 31 खिलाड़ियों को मिलाकर कुल 271 खिलाड़ियों को लिपिक वर्ग की नौकरियां दी गई हैं.
राज्य में खेलों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर से मेडल लाओ नौकरी पाओ की तर्ज पर बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023 बनाई गई है. विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पदक जीतनेवाले उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है. मेडल लाओ-नौकरी पाओ योजना के तहत साल 2023-24 में 71 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को बिना परीक्षा और इंटरव्यू के विभिन्न सरकारी विभागों में क्लास वन की सरकारी नौकरी का सीधे नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है. इस तरह बिहार में अब तक 342 खिलाड़ियों को नौकरी दी जा चुकी है.
रेल मंत्री के दौरान भी की नौकरी की व्यवस्था
नीतीश कुमार जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री थे उसी समय इन्होंने रेलवे में खिलाड़ियों को नौकरी देने की व्यवस्था की थी. इसी व्यवस्था के तहत अब तक देशभर के सैकड़ों खिलाड़ियों को रेलवे में नौकरी दी गई है. रेलवे में खिलाड़ियों को नौकरी मिलने से उनका उत्साह बढ़ा है. रेलवे में खिलाड़ियों को नौकरी देने की तर्ज पर ही नीतीश कुमार ने साल 2010 से बिहार में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देना शुरू किया गया.
एसडीओ एवं डीएसपी तक बनने का मौका
प्रदेश में खेलों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ाने के मकसद से राज्य सरकार के मेडल लाओ नौकरी पाओ की तर्ज पर बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023 भी तैयार की गई है. इसके तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में मेडल पानेवाले खिलाड़ियों को सीधे नौकरी दी जाएगी. इस नये नियम के अनुसार खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने पर एसडीओ एवं डीएसपी तक बनने का मौका मिलेगा. इस नियमावली के तहत हाल ही में 71 खिलाडियों को नौकरी दी गयी है जिसमें दो को पदाधिकारी की नौकरी दी गयी है जिसमें बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी शामिल हैं. 69 को पुलिस अवर निरीक्षक, समाज कल्याण विभाग में अधीक्षक एवं डाटा इन्ट्री ऑपरेटर एवं लिपिक की नौकरियां दी गईं हैं.
बिहार में खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए हर स्तर पर खेल सुविधाएं विकसित की जा रही हैं ताकि बच्चे पढ़ें भी और खेलें भी. राज्य में प्रखंड स्तर पर स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें अब तक लगभग 250 स्टेडियमों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. खिलाड़ियों को राज्य के बाहर बेहतर प्रशिक्षण हेतु भेजा जा रहा है.
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