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महाराष्ट्र में बागियों ने बढ़ाई टेंशन, महायुति और MVA के कई नेता नॉट रिचेबल

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का संग्राम शुरू हो गया है. विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र वापस लेने का आज आखिरी दिन है. इसमें भी अब महज कुछ घंटे का समय बचा हुआ है. एक तरफ महायुति और महा विकास अघाड़ी में बागी उम्मीदवारों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की जा रही है. वहीं, कुछ बागी उम्मीदवार पहुंच से बाहर हो गए हैं. इससे महा विकास अघाड़ी और महायुति के नेता बड़ी मुश्किल में हैं. फिलहाल इन उम्मीदवारों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है.

पालघर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी के बागी उम्मीदवार अमित घोड़ा से अभी भी संपर्क नहीं हो पाया है. पालघर जिले में महायुति के तीन बागी उम्मीदवार हैं और ये तीनों नॉट रिचेबल हैं. इसमें एक अमित घोड़ा, दूसरा प्रकाश निकम और तीसरे जगदी धोडी हैं. फिलहाल इन तीनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इसकी वजह से महायुति का सिरदर्द बढ़ गया है. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये तीनों बागी उम्मीदवार अपना नामांकन वापस लेते हैं या नहीं? यह देखना दिलचस्प होगा.

देवलाली और डिंडोरी सीट पर भी फंसा है पेंच

जब राजश्री अहिरराव नासिक के देवलाली विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी के उम्मीदवार थे, तब शिवसेना ने उन्हें हवाई जहाज से एबी फॉर्म भेजा था. धनराज महाले जब डिंडोरी सीट पर एनसीपी के उम्मीदवार थे तब भी शिवसेना ने उन्हें एबी फॉर्म दिया था. आज नामांकन फार्म वापस लेने का आखिरी दिन है. लेकिन इन दोनों उम्मीदवारों के संपर्क में नहीं आने से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. ये दोनों उम्मीदवार फिलहाल नॉट रिचेबल हैं.

अविनाश लाड से संपर्क नहीं हो सका

इसके अलावा रत्नागिरी-राजापुर विधानसभा क्षेत्र में भी नामांकन पत्र वापसी के दिन बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और बागी उम्मीदवार अविनाश लाड नॉट रिचेबल हो गए हैं. अविनाश लाड से संपर्क नहीं होने से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि राजापुर विधानसभा क्षेत्र में बगावत जारी रहेगी. अगर अविनाश लाड चुनाव लड़ने पर अड़े तो उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के उम्मीदवार राजन साल्वी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. राजापुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस में बगावत हो गई है. यह सीट उद्धव ठाकरे के उम्मीदवार राजन साल्वी ने खाली की थी और कांग्रेस ने इस सीट की पुरजोर मांग की थी.

विक्रमगढ़ में भी पार्टी के दिग्गजों का सिरदर्द बढ़ गया

पालघर जिले की विक्रमगढ़ विधानसभा के निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश निकम नॉट रिचेबल हो गए हैं. प्रकाश निकम पालघर जिला परिषद के अध्यक्ष हैं. प्रकाश निकम कल से नॉट रिचेबल हो गए हैं. वफादारों के हटने और वरिष्ठों द्वारा शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने से महागठबंधन में बगावत हो गई है. असंतुष्ट पदाधिकारियों ने बगावत का झंडा बुलंद करते हुए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. इससे महायुति पर विद्रोह का ग्रहण लग गया है. प्रकाश निकम ने विक्रमगढ़ विधानसभा से महायुति के उम्मीदवार हरिश्चंद्र भोये के खिलाफ अपनी उम्मीदवारी दाखिल की है.

हिंगोली में भी बीजेपी के बागी उम्मीदवार नहीं पहुंच सके

हिंगोली में बीजेपी के बागी नेता रामदास पाटिल सुमंथकर पहुंच से बाहर हो गए हैं. बीजेपी से बगावत कर रामदास पाटिल ने हिंगोली विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवारी दाखिल की है. उन्होंने पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा, रामदास पाटिल सुमंथकर आवेदन वापस लेने के आखिरी दिन उपलब्ध नहीं हुए हैं. हिंगोली विधानसभा से बीजेपी विधायक तानाजी मुटकुले को महागठबंधन ने उम्मीदवार बनाया है.

राजेश लाटकर से संपर्क नहीं हो सका

कोल्हापुर में कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है. बागी प्रत्याशी राजेश लाटकर नॉट रिचेबल हो गए हैं. राजेश लाटकर ने संकेत दिया है कि वह कोल्हापुर उत्तर से चुनाव लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बताया जा रहा है कि राजेश लाटकर सुबह से लापता हैं जिसकी वजह से पार्टी के नेता भी हैरान है. नाराजगी दूर करने के लिए मधुरिमा राजे छत्रपति के साथ सांसद साहू छत्रपति ने भी लाटकर से मुलाकात की थी, लेकिन उनपर कोई असर नहीं पड़ा.

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