ब्रेकिंग
माफी मांगो नहीं तो केस…कैश कांड पर तावड़े का पलटवार, खरगे-राहुल और सुप्रिया को नोटिस बिहार में नेशनल हाइवे का नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा: गडकरी प्रदूषण पर दिल्ली सरकार के जवाब से हम संतुष्ट नहीं: सुप्रीम कोर्ट औरैया में पेड़ से टकराकर खाई में पलटी कार, 4 लोगों की मौत; शादी में जा रहे थे सभी महाराष्ट्र: ठाकरे-शिंदे-फडणवीस-पवार… सीएम पद के दावेदार, कौन निभाएगा मुख्य किरदार? बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों पर बीजेपी की पैनी नजर, देवेंद्र फडणवीस ने की बैठक बीजेपी दिल्ली की सत्ता में आई तो बंद कर देगी ये 6 रेवड़ियां… अरविंद केजरीवाल का हमला अमन अरोड़ा होंगे पंजाब में AAP के अध्यक्ष, सीएम भगवंत मान ने किया ऐलान मानहानि मामले में CM आतिशी को बड़ी राहत, सुनवाई पर लगी रोक, जानें क्या है मामला पटना: बालू लदे ट्रक ने स्कूली बच्चों की ऑटो में मारी टक्कर, 4 की मौत; 3 गंभीर घायल

सबसे गर्म साल बनकर ही रहेगा 2024, क्लाइमेट एजेंसी ने जारी की पूरी दुनिया को अलर्ट करने वाली रिपोर्ट

दुनियाभर में गर्मी हर साल नए रिकॉर्ड तोड़ती है. साल 2023 की बढ़ती तपिश पूरी दुनिया में महसूस की गई. हमारी धरती का अब तक का सबसे गर्म साल होने का रिकॉर्ड 2023 के नाम ही है. लेकिन जल्द ही 2024 भी गर्म साल होने का रिकॉर्ड बनाने वाला है. ऐसा दावा किया है यूरोपियन क्लाइमेट एजेंसी ने.

वैज्ञानिकों ने इस अनुमान को दुनिया के लिए खतरे की घंटी करार दिया है. एजेंसी के मुताबिक ऐसा पहली बार हो रहा है जब इस साल दुनिया 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 डिग्री फ़ारेनहाइट) से अधिक तापमान पर पहुंच गई. एक साल में तापमान का इतना ऊपर जाना 2015 के पेरिस समझौते में तय किए गए टार्गेट से अलग है.

क्या है 2015 का पैरिस समझौता?

2015 में पैरिस में किए गया ये समझौता मूल रूप से वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने से जुड़ा है. क्योंकि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि 2 डिग्री से ऊपर के तापमान से धरती की जलवायु में बड़ा बदलाव हो सकता है. जिसके असर से समुद्र तल की ऊंचाई बढ़ना, बाढ़, जमीन धंसने, सूखा, जंगलों में आग जैसी आपदाएं बढ़ सकती हैं. इसलिए इसमें शामिल सभी देशों को वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रखने की कोशिश करने के लिए कहा गया था.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.