पर्थ के ‘पठान’ बने यशस्वी जायसवाल, ऑस्ट्रेलिया में जीतेगा इंडिया, अब ना कोई शक, ना सवाल!
बल्लेबाज नहीं, भारतीय क्रिकेट की शान कहिए. रनबाज नहीं, पर्थ का ‘पठान’ कहिए. वो पठान जिसके दम पर आज पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के सामने सीना ताने खड़ा है हिंदुस्तान. वैसे आपने बॉलीवुड की एक्शन से भरपूर फिल्म ‘पठान’ तो देखी ही होगी. उसमें देखा होगा कि कैसे पठान की भूमिका निभा रहे शाहरुख खान किसी दूसरे देश में जाकर अपने मिशन को अंजाम देते है. फिल्मी पठान के ही अंदाज में यशस्वी जायसवाल भी ऑस्ट्रेलिया में भारतीय क्रिकेट के बड़े मिशन को अंजाम देने में जुटे हैं.
वो ‘पठान’ बॉलीवुड का किंग, ये ‘पठान’ क्रिकेट का किंग
रील वाले ‘पठान’ यानी शाहरुख खान को आप बॉलीवुड का किंग कहते हैं तो जिस अंदाज में यशस्वी ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया की जीत का ताना-बाना बुन रहे हैं, उसके बाद तो इस रियल ‘पठान’ को आप भारतीय क्रिकेट का उभरता किंग जरूर मान सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि यशस्वी जायसवाल ने ऑस्ट्रेलिया में खासकर पर्थ की पिच पर ऐसा किया क्या, जिससे उन्हें वहां का पठान कहें?
पर्थ के ‘पठान’ क्यों कहलाने लगे यशस्वी जायसवाल?
अब इसकी कोई एक वजह हो तो बताएं. यशस्वी जायसवाल ने पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जिस तरह से क्लास लगाई है, उसके बाद तो उनके नाम दर्ज उपलब्धियों की लंबी लाइन बन गई है. ऑस्ट्रेलिया में अपना पहला टेस्ट खेलते हुए पहली पारी में जीरो पर आउट होने वाले यशस्वी ने दूसरी पारी में शतक नहीं लगाया बल्कि इसके जरिए दुनिया को बताया कि वो टीम इंडिया का कल हैं. उन्होंने पुराने रिकॉर्डों को तोड़ा, कई दिग्गजों के साथ खुद का नाम जोड़ा, तमाम नए कीर्तिमान बनाए और बन गए पर्थ के ‘पठान’.
एक-दो कीर्तिमान हों तब ना, यहां तो पूरी लिस्ट है
यशस्वी जायसवाल ने किया क्या जानिए लीजिए. वो ऑस्ट्रेलिया में खेले पहले टेस्ट में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले भारतीय हैं. वो 15 टेस्ट के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले एशियाई बल्लेबाज बने हैं. वो 21वीं सदी में ऑस्ट्रेलिया में छक्के के साथ शतक पूरा करने वाले तीसरे बल्लेबाज हैं. उनसे पहले राहुल द्रविड़ ने 2004 में जबकि क्रिस गेल ने 2009 में ऐसा किया था. यशस्वी तीसरे भारतीय हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में खेले पहले टेस्ट में शतक जड़ा है. इसके अलावा यशस्वी टेस्ट क्रिकेट में एक साल में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज भी बन गए हैं.
ना कोई शक, ना सवाल!
साफ है कि यशस्वी जायसवाल को अब कुछ साबित करने की जरूरत नहीं. घरेलू जमीन पर रनों का अंबार लगाने के बाद, ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर, पर्थ की तेज पिच पर, इतने सारे रिकॉर्डों से नाता जोड़ने के बाद उन्होंने अब ना तो कोई शक और ना ही सवाल छोड़ा है. यशस्वी का य़श फैल चुका है और ये अब ऑस्ट्रेलिया में रुकेगा इस बात की गुंजाइश कम ही है.
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