UP पुलिस ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से संपर्क साधा, संगठन बोले- हमारा कॉल नहीं
गाजियाबाद: व्हाट्सएप ग्रुप में इस तरह के पोस्टर रिलीज हो रहे हैं, जिसमें 10 जून को भारत बंद की बात कही गई है।सोशल मीडिया खासकर मुस्लिम ग्रुपों में एक पोस्टर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है- ‘बतला दो गुस्ताख ए नबी को, गैरत ए मुस्लिम जिंदा है, दीन पे मर मिटने का जज्बा कल भी था और आज भी है’। इन दो पंक्तियों के साथ नीचे लिखा है- ‘पैगंबर मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि व सल्लम की शान में गुस्ताखी के खिलाफ 10 जून जुमा भारत बंद’। भारत बंद के आह्वान से जुड़े इसी तरह के कई और पोस्टर रिलीज हो रहे हैं।जुमे को मस्जिदों पर रहेगा अतिरिक्त पुलिस बलइन पोस्टरों को लेकर उत्तर प्रदेश की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। सभी जिलों में पोस्टर की सच्चाई को लेकर मुस्लिम संगठनों से संपर्क साधा गया है। हालांकि कोई भी मुस्लिम संगठन भारत बंद को लेकर स्पष्ट रूप से मना कर रहा है। पुलिस अफसरों का कहना है कि भारत बंद जैसा कुछ नहीं है, लेकिन वे शुक्रवार को जुमे पर अलर्ट रहेंगे और प्रमुख मस्जिदों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। उन्नाव जिले में सड़क किनारे इसी तरह का एक पोस्टर लगाया भी गया है।उप्र के जिला उन्नाव में भारत बंद का यह पोस्टर लगाया गया, जिसे बाद में हटवा दिया गया है।जमीयत ने कहा- हमारा बंद से लेना-देना नहींकुछ जगहों पर यह बात सामने आई कि इस बंद में जमीयत उलमा-ए-हिंद के कार्यकर्ता भी शामिल हो सकते हैं। ‘दैनिक भास्कर’ ने इस पर जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरशद मदनी के मीडिया प्रभारी फजलुर्रहमान से बातचीत की। उनका कहना था कि जमीयत का इससे कोई लेना-देना नहीं है।सीओ बोले- पोस्टर जरूर मिला, लेकिन ऐसा कुछ नहींमेरठ जिले के पुलिस क्षेत्राधिकारी अरिवंद कुमार चौरसिया ने ‘भास्कर’ को बताया कि कुछ व्हाट्सएप ग्रुप पर भारत बंद को लेकर सूचनाएं फैल रही हैं। हमने इस संबंध में शहर काजी, नायब शहर काजी, सभी मस्जिद प्रमुखों और अन्य मौलानाओं से बातचीत की है। सभी ने आश्वासन दिया है कि भारत बंद जैसी कोई बात नहीं है। मेरठ के पुलिस-प्रशासन ने बुधवार रात को इस संबंध में सभी मौलाना के साथ एक बड़ी बैठक भी की थी।
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