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टीबी संक्रमित मरीज किसी भी राज्य के सरकारी अस्पताल में करा सकते हैं निःशुल्क इलाज

दूसरे राज्य में जाने से पूर्व नए स्थान की देनी होगी जानकारी

इलाजरत अस्पताल से संबंधित जगह के अस्पताल को भेजी जाती है मरीज की जानकारी

सासाराम। देश से टीबी को जड़ से मिटाने को लेकर लगातार केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा भी अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावे लोगों को जागरूक करके टीबी बीमारी से संबंधित जानकारी और इलाज को लेकर उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही अभियान के तहत टीबी संक्रमित मरीजों को सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। 2025 तक टीवी को जड़ से खत्म करने का अभियान चलाया जा रहा है ऐसे में देश के सभी राज्यों मैं इस्थित सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच एवं दवाइयां प्रदान की जा रही है। किसी भी जिले के सरकारी अस्पताल में रजिस्टर्ड टीबी संक्रमित मरीज किसी अन्य राज्य के सरकारी अस्पताल में भी नि:शुल्क सुविधा ले सकता है। यह सुविधाएं माइग्रेंट लोगों के लिए बेहतर विकल्प बन के सामने आ रहा है। सासाराम सदर अस्पताल स्थिति टीबी विभाग के सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी बीमारी से संक्रमित मरीज को किसी भी राज्य के सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज किया जाता है। यदि कोई रोहतास जिले का निवासी है और टीबी से संक्रमित है और वह पढ़ाई या काम के सिलसिले में दूसरे राज्य जाना चाहता है तो उसे दूसरे राज्यों के सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क उपचार कराने के लिए उसे अपने जिले के अस्पताल को सूचित करना होता है जहाँ से उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि टीबी संक्रमित मरीज को वर्तमान जगह पर स्थित सरकारी अस्पताल में पंजीकृत होना जरूरी होता है। यदि किसी मरीज का सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है और वह किसी कारण से दूसरे राज्य या जिला में जाना चाहता है तो ऐसे में उसे वर्तमान के सरकारी अस्पताल में सारी जानकारी देनी होगी की किस राज्य के किस शहर में जा रहा है। ऐसी स्थिति में उक्त व्यक्ति की सारी जानकारी वहां के संबंधित अस्पताल के टीबी विभाग को भेजी जाती है और वहां मरीज कक पहुंच कर अपनी आईडी प्रस्तुत करनी होती है और वहां पर उसका इलाज शुरू हो जाता है। डॉ राकेश कुमार ने बताया कि जब टीवी संक्रमित मरीज दूसरे राज्य या जिले में जाना चाहता है तो ऐसे में उक्त मरीज की पूरी जानकारी अगले राज्य या जिले में स्थित सरकारी अस्पताल को भेजी जाती है। जिसमें जांच के साथ-साथ टीवी का स्टेज और वर्तमान में चल रहे दवा की जानकारी के साथ-साथ पंजीकरण संख्या भेजी जाती है। जब वह व्यक्ति उक्त अस्पताल में जाता है तो अपना पंजीकरण संख्या बताता है और वहां से उसकी इलाज वहीं से शुरू होता है जहां तक पहले इलाज किया जा चुका है। सीडीओ ने बताया कि उक्त मरीज को जो सुविधाएं वर्तमान के अस्पताल में प्रदान की जा रही थी वही सुविधाएं उसे वहां भी प्रदान की जाएगी। दवा के साथ-साथ सभी जांच वहां भी निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि दूसरे राज्य के मरीज हमारे जिले में भी आते हैं तो वहां के जिला यही प्रक्रिया अपनाकर उन्हें यहां भेजता है और उस व्यक्ति का इलाज यहां प्रारंभ कर दी जाती है।

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