Chief Secretary of MP : संशय बरकरार, कौना होगा मप्र का नया प्रशासनिक मुखिया?
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के सेवाकाल के अब मात्र चार दिन बचे हैं। वे 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि मप्र का अगला मुख्य सचिव कौन होगा? आमतौर पर मुख्य सचिव के सेवानिवृत्त होने के 15 दिन पहले नए मुख्य सचिव को वर्तमान मुख्य सचिव के ओएसडी के रूप में पदस्थ कर दिया जाता है, लेकिन अब तक किसी अधिकारी को मुख्य सचिव का ओएसडी पदस्थ नहीं किया गया है। ऐसे में ब्यूरोक्रेट्स से लेकर राजनेता तक सभी इस सवाल का जवाब तलाशने में जुटे हैं किं क्या मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को एक्टेंशन मिलेगा या प्रदेश को नया मुख्य सचिव मिलेगा, लेकिन सियासी गलियारों में अब तक किसी को भी इस सवाल का जवाब तो दूर संकेत तक नहीं मिला है।सीएम शिवराज कल दिल्ली में प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकातसूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अपने पसंदीदा सीएस को एक्सटेंशन दिलाना चाहते हैं। इस संबंध में वे प्रधानमंत्री से चर्चा के लिए 28 नंवबर को दिल्ली जाएंगे। दिवाली के मौके पर जब आईएएस अनुराग जैन के मुख्यमंत्री से पौन घंटे की मुलाकात की थी, तो उसके बाद प्रशासनिक गलियारों में इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया था कि अनुराग जैन मप्र के नए प्रशासनिक मुखिया होंगे, लेकिन जब 20 नवंबर तक जैन को वर्तमान मुख्य सचिव के ओएसडी के तौर पर पदस्थ नहीं किया गया, तो उसके बाद जैन के मुख्य सचिव बनने को लेकर संशय की स्थिति बन गई। अनुराग जैन वर्तमान में सचिव प्रमोशन आफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के पद पर भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। अब माना जा रहा है कि वर्तमान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस इस पर बने रहेंगे, उन्हें एक साल का एक्सटेंशन दिया जाएगा, ताकि वे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक पद पर बने रहें। छह माह की सेवावृद्धि मिलने पर जून, 2023 में फिर नया मुख्य सचिव बनाना पड़ेगा, उस समय चुनाव के मात्र पांच माह बचेंगे। ऐसे में फिर नए मुख्य सचिव के लिए चुनौतियां अधिक होंगी।बैंस के अलावा वरिष्ठता के क्रम में पहले नंबर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा की 1988 बैच की अधिकारी वीरा राणा हैं। उनके अलावा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, 1989 बैच के अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार, अपर मुख्य सचिव पशुपालन जेएन कंसोटिया और 1990 बैच के अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा बौर अपर मुख्य सचिव जलसंसाधन व नर्मदा घाटी विकास एसएन मिश्रा भी मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल हैं। हालांकि वर्तमान हालात में सीएस बैंस को सेवावृद्धि दिए जाने की पूरी संभावना नजर आ रही है। यदि ऐसा नहीं होता, तो अब तक सरकार भावी मुख्य सचिव को वर्तमान मुख्य सचिव के ओएसडी के रूप में पदस्थ कर चुकी होती
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