कई रोमांचक कारनामे कर चुका; अब 23 घंटे में एवरेस्ट बेस कैंप चढ़ा
चंडीगढ़: एडवेंचर का शौक रखने वालों के लिए माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई सबसे खतरनाक मानी जाती है। चंडीगढ़ पुलिस की एक लेडी कॉन्स्टेबल के ‘टाइगर’ ने एवरेस्ट की बेस कैंप तक की 5364 मीटर की ऊंचाई अपने बुलंद होंसलों के साथ मात्र 23 घंटे, 47 सेकेंड में पूरी की है। सेक्टर 39 थाने में तैनात कॉन्स्टेबल दीपक कुमारी का बेटा अंकित मलिक उर्फ टाइगर इससे पहले भी कई कारनामे कर चुका है।एडवेंचर और फिटनेस का शौक रखने वाला अंकित चंडीगढ़ से कन्याकुमारी तक साइक्लिंग भी कर चुका है। वहीं राजस्थान के थार डेजर्ट से आगे गुजरात के कच्छ में व्हाइट डेजर्ट एरिया से दौड़ता हुआ गुजरात-पाकिस्तान के बार्डर(नाड़ा बेट) तक जा चुका है।इस तरह पहुंचे बेस कैंपअंकित एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए लुक्ला(नेपाल) नामक प्वाइंट तक वह पैदल और जागिंग करते हुए गए। अक्सर ट्रेवलर्स हवाई यात्रा के जरिए यहां तक पहुंचते हैं। लुक्ला और एवरेस्ट के बेस कैंप के बीच 64 किलोमीटर का सफर उन्होंने अकेले तय किया। इसके लिए ज्यादा सामान भी कैरी नहीं किया। सुबह 7 बजे उन्होंने यह सफर शुरू किया। शाम को 45 किलोमीटर तक का सफर पूरा करने के बाद ऊपर तापमान 2 डिग्री था। वहीं रात का तापमान -5 डिग्री रह गया था। इस दौरान वह घने अंधेरे में रास्ता भी भटक गए थे।तापमान काफी कम होने के बावजूद दिन और रात में अंकित ने सफर जारी रखा।तारों की दिशा से रास्ता ढूंढाहालांकि तारों की दिशा एवं GPS ट्रैकर की मदद से रास्ता ढूंढा। उनका मोबाइल भी वहीं गुम हो गया था। काफी कम ऑक्सीजन में वह रात को लगभग 1.30 बजे लोबुचे पहुंचे। यह जगह 5 हजार मीटर से भी ज्यादा ऊपर है। इससे 6 किलोमीटर ऊपर एवरेस्ट बेस कैंप था। -11 डिग्री तापमान में वह घुटने की चोट और थकान के बीच ऊपर चढ़े। हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और ऊपर चढ़े। उनका पानी भी खत्म हो चुका था।कोई रिकार्ड करने वाला नहीं थाअंकित ने अपनी एवरेस्ट बेस कैंप की यात्रा को लेकर बताया कि अंकित कहते हैं कि जब उन्होंने जब बेस कैंप तक चढ़ाई शुरू की तो दिन-रात में सफर जारी रखा और वहां कोई रिकार्ड करने वाला नहीं था। वह बस चढ़ते गए और 24 घंटे से पहले ही बेस कैंप तब पहुंच गए थे। बता दें कि आधिकारिक रूप से सबसे तेजी से सोलो ट्रैकर के रुप में बेस कैंप तक चढ़ाई का रिकार्ड विशाखापटनम के मांउटेनियर एसवीएन सुरेश बाबू का है। यह चढ़ाई उन्होंने पिछले वर्ष दिसंबर में 20 से 24 दिसंबर 4 दिन में पूरी की थी।अंकित को एडवेंचर का शौक है और इसी के चलते यह बेस कैंप तक की चढ़ाई उन्होंने पूरी की।नेपाल के रास्ते गए थेअंकित ने 14 अक्तूबर को अपने बर्थ डे के दौरान माउंट एवरेस्ट चढ़ाई के लिए तैयारी शुरू की थी। 15 अक्तूबर को यात्रा शुरू करने के 2 दिन में वह बेस कैंप से वापसी कर नेपाल में ट्रैवलिंग करने के लिए निकल गए थे। अंकित ने कहा कि अक्सर मांउटेनियर्स बेस कैंप तक सोलो ट्रैकिंग नहीं करते मगर उन्होंने अकेले ही बेस कैंप तक चढ़ने का सोचा था।रनिंग, साइकलिंग, स्विमिंग, जिम और एडवेंचर का शौकअंकित अपने परिवार के साथ सेक्टर 26 में रहता है और जीरकपुर में जिम चलाता है। वह अक्सर एडवेंचरस ट्रैवलिंग के लिए निकल जाता है। इस दौरान साइकलिंग, रनिंग, स्विमिंग आदि भी लगातार जारी रहती है।
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