रणजीत अष्टमी पर सुबह 5 बजे निकलने वाली है बाबा की प्रभातफेरी
इंदौर: इंदौर में रणजीत अष्टमी पर निकलने वाली प्रभात फेरी का रूट संभवत आज फाइनल हो सकता है। 90% बड़े रास्ते को ही चुना जाएगा। इसी रूट से ही प्रभात फेरी का निकलना तय किया जा रहा है। इसकी वजह है भक्तों की संख्या। हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब प्रभात फेरी के लिए इस रास्ते को चुना गया हो। इसके पहले भी कोविड में भी इस रास्ते से ही प्रभात फेरी निकाली गई थी।आपको बताते है की बड़े रास्ते को चुनने के पीछे क्या वजह है…हर साल की तरह इस साल भी काफी धूमधाम से रणजीत हनुमान की प्रभात फेरी निकाली जाने वाली है। इस बार ये उम्मीद जताई जा रही है की प्रभात फेरी में 2 लाख से ज्यादा भक्त इसमें शामिल होंगे। भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर के भक्त मंडल और पुजारी पंडित दीपेश व्यास का ऐसा मानना है की भक्तों को छोटे रास्ते पर दिक्कत ना हो आसानी से प्रभात फेरी निकल सके इस बात का ध्यान इस बार ज्यादा रखा जा रहा है।प्रभात फेरी का रूट रविवार को तय होना था। मगर निगम, ट्रैफिक और पुलिस अधिकारियों के सीएम ड्यूटी में व्यस्त होने से रविवार को बैठक नहीं हो सकी। संभवत सोमवार को इसमें निर्णय हो सकता है। रूट तय करने के मामले में मंदिर के पुजारी पंडित दीपेश व्यास अधिकारियों से चर्चा करने वाले है।प्रभात फेरी में इस तरफ बड़ी संख्या में भक्त होते है शामिल।बड़े रास्ते से निकले तो डेढ़ किमी ज्यादापंडित व्यास की माने तो प्रभात फेरी का रूट बड़े से निकाला जाना तय किया जा रहा है। इससे प्रभात फेरी एक से डेढ़ किमी ज्यादा घूम कर मंदिर पहुंचेगी। पिछली बार भी कोविड के दौरान इस रास्ते से ही प्रभात फेरी निकाली गई थी। बड़े रास्ते पर भक्तों को चलने में और रथ को खींचने में कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि इस बार प्रभात फेरी में डीजे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनके स्थान पर भजन गायकों की संख्या बढ़ा दी है।इस रास्ते से निकला हो सकता है तयपं. व्यास के मुताबिक रणजीत हनुमान की प्रभात फेरी के लिए मंदिर से महू नाका चौराहा। वहां से घूम कर प्रभात फेरी अन्न पूर्णा रोड़ पर आएगी। यहां से नरेंद्र तिवारी मार्ग से होते हुए यात्रा फूटी कोठी से घूमकर वापस मंदिर पर आएगी। हालांकि इसमें एक से डेढ़ किमी ज्यादा हो जाएगा। देखा जाए तो इसके पहले यात्रा नरेंद्र तिवारी मार्ग से मंदिर की ओर आती थी। अनुमान है कि नए रूट पर प्रभात फेरी करीब साढ़े पांच से छह किमी का रास्ता रहेगा यानी एक से डेढ़ किमी ज्यादा। अधिकारियों से चर्चा के बाद ही रूट फाइनल होगा।
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