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बोले- आदिवासियों के विकास में मील का पत्थर साबित होगा, सभी वर्गों का भी रखा गया ध्यान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राजधानी स्थित निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल की ओर से मुलाकात के दौरान हाल ही में 2 दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण के संबंध में पारित विधेयक पर उत्साह के साथ मुख्यमंत्री का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आदिवासियों सहित समाज के सभी वर्गों के हित संरक्षण के लिए हमारी सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। आदिवासियों सहित सभी वर्गों के विकास में यह विधेयक मील का पत्थर साबित होगा।मुख्यमंत्री बघेल ने प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में सभी वर्गों के साथ-साथ आदिवासी समुदाय के विकास और कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है। इनमें प्रमुखता से समाज के कमजोर वर्ग सहित आदिवासियों के उत्थान और उन्हें सभी अधिकार देने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने आरक्षण के मुद्दे पर आदिवासी समाज को स्पष्ट रूप से भरोसा दिलाया था कि राज्य में इस मामले में आदिवासी निश्चिंत रहे, उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ जरूर दिलाया जाएगा। इसके लिए हमारी सरकार ने हरसंभव पहल की और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसे पारित कराया गया।सीएम भूपेश ने बताया कि सरकार का मुख्य फोकस गांव, गरीब, किसान और आदिवासियों, वनवासियों पर है। खासतौर से आदिवासियों को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने काम किया है। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को पहला पूर्ण आदिवासी जिले के रूप में गठित किया गया। इसी कड़ी में मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर का भी गठन किया गया है। आदिवासी व वनवासियों को आरक्षित क्षेत्र में अधिकार प्रदान करते हुए व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किए जा रहे हैं।वनवासी क्षेत्र में ग्राम सभा को शक्ति सम्पन्न बनाने पेसा कानून बनाकर लागू किया गया। लघु वनोपजों पर निर्भर वनवासियों की आर्थिक समृद्धि और उन्हें संबल बनाने के लिए सरकारी स्तर पर सात प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी को 65 प्रकार के लघुवनोपज तक बढ़ा दिया गया है। तेंदूपत्ता के समर्थन मूल्य को 25 सौ रुपये से बढ़ाकर चार हजार रुपये तक कर दिया गया है।तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना की शुरुआत अगस्त 2020 से की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार अब न सिर्फ लघुवनोपजों की खरीदी कर रही है, बल्कि उनका स्थानीय स्तर पर ही प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन का कार्य भी किया जा रहा है, जिससे वनवासियों के रोजगार एवं आय में कई गुना की बढ़ोत्तरी हुई है।

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