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कोई भी किसी को भी कर सकता है टैग; जानिए पूरा मामला

गुना: वो पोस्ट जिसमे टैग होने पर कांग्रेस नेता के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।गुना में सोशल मीडिया पर केवल ‘टैग’ होने पर एक कांग्रेस नेता पर FIR हो गयी। संभवतः यह प्रदेश का पहला मामला है जब किसी ने पोस्ट कर दूसरे व्यक्ति को उस पोस्ट में टैग कर दिया। पुलिस ने टैग करने वाले पर नहीं, बल्कि टैग होने वाले पर FIR दर्ज कर दी। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति लेते हुए SP से मुलाकात की है। उन्होंने मांग की है कि पहले मामले की जांच कराई जाए, उसके बाद कोई एक्शन होना चाहिए।पहले जानिए, क्या था मामलासोमवार को ‘गुना कांग्रेस परिवार’ नाम की एक आईडी से पोस्ट की गई थी। इसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पिछले दिनों उनकी मां से मिलते हुए फोटो था। इस फोटो में PM अपनी मां के साथ नजर आ रहे हैं। इस फोटो को सोशल मीडिया पोस्ट कर कैप्शन में लिखा गया था कि “माता जी डर के मारे हाथ जोड़ रही हैं। कहीं यह… गला न दबा दे।” इस पोस्ट में कांग्रेस नेता ओमप्रकाश त्रिपाठी सहित 83 लोगों को टैग किया गया था। कुछ देर बाद ही कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरिशंकर विजयवर्गीय ने इस पोस्ट को हटाने की अपील भी की थी। उंन्होने इस पॉट की निंदा भी की थी।शिकायतभाजपा नेता शिशुपाल यादव ने इस पोस्ट की शिकायत पुलिस से की। कैंट थाने में उन्होंने आवेदन देकर कार्यवाई की मांग की। उनकी शिकायत पर पुलिस ने कांग्रेस नेता ओमप्रकाश त्रिपाठी के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। उन पर विभिन्न समुदायों के बीच घृणा फैलाने के उद्देश्य से असत्य कथन करने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। वहीं FIR होने के बाद कांग्रेस नेता ओपी त्रिपाठी ने भी एक पोस्ट कर इसे गलत बताया। उन्होंने कहा कि आज फिर उनके खिलाफ एक झूठा मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने अपनी जान को भी खतरा बताया है।कांग्रेस बोली: भाजपा नेताओं के दवाब में FIR मंगलवार को कांग्रेस ने इस FIR के खिलाफ SP पंकज श्रीवास्तव से मुलाकात की। उन्होंने एक आवेदन भी SP को सौंपा। जिलाध्यक्ष हरिशंकर विजयवर्गीय में बताया कि किसी फर्जी व्यक्ति ने PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनकी मां से मिलते हुए फोटो को हल्के और गंदे शब्दों के साथ पोस्ट किया। उसी व्यक्ति ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश त्रिपाठी को टैग कर दिया। बिना किसी जांच के शिशुपाल यादव(भाजपा नेता) ने BJP के वरिष्ठ नेताओं के दवाब में FIR दर्ज कराई। हैरत की बात है कि बिना जांच के ही FIR दर्ज भी हो गयी, जबकि बड़े-बड़े केसों में इन्वेस्टिगेशन के बाद भी FIR करने में पसीने छूट जाते हैं। इसलिए SP से निवेदन किया है कि इस तरह से बिना जांच के एक सम्मानित व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धूमिल करना उचित नहीं है।SP पंकज श्रीवास्तव से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता।आईपीसी की उस धारा को जानिये, जिसके तहत FIR की गई हैकांग्रेस नेता पर आईपीसी की धारा 505(2) के तहत FIR दर्ज की गई है। यह धारा कहती है कि “विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति, आदि परिचालित करने पर यह धारा लगाई जाती है। इसमें आरोपी को तीन वर्ष के कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दंडित किया जा सकता है। यह अपराध गैर-जमानती, संज्ञेय है तथा किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।”SP पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि शायद फरियादी को कोई कन्फ्यूजन हो गयी थी, जिस कारण उन्होंने ओपी त्रिपाठी के खिलाफ शिकायत कर दी। उनका नाम शायद उन्हें पोस्ट में दिख गया होगा, जबकि पोस्ट किसी और ने की है। मामले में आगे विवेचना में इस तथ्य पर भी ध्यान दिया जाएगा। जिसने पोस्ट की है, कार्यवाई उसी पर होगी।अब आगे.ng> क्या…इस तरह के मामलों में अभियोजन(केस चलाने) की अनुमति जिला दंडाधिकारी से लेनी होती है। FIR दर्ज होने के बाद अब जांच होगी। इसके बाद SP के द्वारा प्रतिवेदन और केस डायरी कलेक्टर को भेजा जाएगा। कलेक्टर केस डायरी के संबंध में जिला अभियोजन अधिकारी से उनका अभिमत मांगेंगे। जिला अभियोजन अधिकारी से अभिमत प्राप्त होने के बाद कलेक्टर अभियोजन(केस चलाने) की स्वीकृति/अस्वीकृति दे सकते हैं। जिला अभियोजन अधिकारी केस के संबंध में जांच करने के बाद अपना अभिमत कलेक्टर को दे सकते हैं।कांग्रेस नेता ओपी त्रिपाठी, जिन पर FIR हुई है।कलेक्टर ने 2 दिसंबर को किया था आदेशकलेक्टर फ्रैंक नोबल ए ने 2 दिसंबर को ही सोशल मीडिया पर पोस्ट करने संबंधित आदेश जारी किया रहा। अपने आदेश में उन्होंने कहा था कि “कोई भी व्यक्ति सामुदायिक, धार्मिक, जातिगत विद्वेष फैलाने या लोगों अथवा समुदाय के मध्य घृणा, वैमनस्यता पैदा करने या दुष्प्रेरित करने या उकसाने या हिंसा फैलाने का प्रयास उपरोक्त माध्यमों से नहीं करेगा और न ही इसके लिये प्रेरित करेगा । कोई भी व्यक्ति अफवाह या तथ्यों को तोड-मरोड कर भड़काने / उन्माद उत्पन्न करने वाले संदेश जिससे लोग या समुदाय विशेष हिंसा या गैर कानूनी गतिविधियों में संलग्न हो जाये, को प्रसारित नहीं करेगा और न ही लाइक, शेयर या फॉरवर्ड करेगा तथा न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा।पहले भी इन्ही कांग्रेस नेता पर अभियोजन की स्वीकृति दे चुके हैं कलेक्टरकांग्रेस नेता ओपी त्रिपाठी पर पहले भी पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया पर टिप्पणी करने के मामले में FIR हो चुकी है। 24 नवंबर को ही कलेक्टर ने उन पर अभियोजन चलाने की अनुमति दी थी। मामला मई महीने का है। बमोरी के रहने वाले प्रमोदसिंह उर्फ सोनू गुर्जर(36) पुत्र लालसिंह गुर्जर ने बमोरी थाने में एक आवेदन दिया था। इसमे उन्होंने बताया कि 17 मई को को दोपहर के 2.30 बजे के लगभग ग्राम अकोदा में भैसाटोरी तलाब के पास रेस्ट हाऊस में कांग्रेस पार्टी की मिटिंग थी। इसमे बहुत सारे कांग्रेस पार्टी के लोग शामिल हुये थे। कांग्रेस नेता ओपी त्रिपाठी निवासी गुना भी शामिल हुये थे।इस मिटिंग में ओपी त्रिपाठी द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इस मिटिंग में पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया के खिलाफ अपशब्द कहे। कांग्रेस नेता ने मंत्री के लिए …….(अपशब्द), बेईमान, चोर, दलबदलू आदि शब्दों का प्रयोग किया। इन अपशब्दों के कारण क्षेत्र की जनता में अंक्रोश की भावना पैदा हो गई है। क्षेत्र की जनता में अशांति का माहौल है तथा क्षेत्र की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसलिए ओपी त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उनके इस आवेदन पर बमोरी थाने में कांग्रेस नेता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था।पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति के लिए पत्र लिखा था। केस डायरी के संबंध में जिला अभियोजन अधिकारी से अभिमत लिया गया। जिला अभियोजन अधिकारी के मतानुसार प्रकरण में आरोपी ओपी त्रिपाठी ने पंचायत मंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा और अपशब्दों का प्रयोग किया गया है। प्रकरण की विवेचना के दौरान एकत्रित की गई साक्ष्य के अवलोकन में अपराध के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य पाए गए हैं। इसलिए अभियोजन की स्वीकृति दी जाने उचित है। अभियोजन के मत के बाद कलेक्टर फ्रैंक नोबल ए ने कांग्रेस नेता ओपी त्रिपाठी के खिलाफ केस चलाये जाने की मंजूरी दे दी थी।टैग रिव्यू को टर्न ऑन करनाअपने फेसबक पेज के सबसे ऊपर दायें कोने पर क्लिक करें और सेटिंग को सेलेक्ट करें। इसके बाद बांयें कॉलम में टाइमलाइन एंड टैगिंग पर क्लिक करें। अब तीन अलग-अलग दिख रहीं सेटिंग को देखें। फिर अपनी जरूरत के मुताबिक, एडिट में जाकर प्राइवेसी सेट करें।फेसबुक पर आई टैग रिक्वेस्ट को कैसे देखें?अगर आपने टाइमलाइन एंड टैगिंग में जाकर टाइमलाइन रिव्यू ऑन किया है , तो आप एक्टिविटी लॉग में अपनी पेंडिंग पोस्ट देख सकते हैं। अपनी प्रोफाइल में जाएं और एक्टिविटी लॉग पर क्लिक करें।पेज पर सबसे ऊपर दिए टाइलाइन रिव्यू सेक्शन में जाकर, रिव्यू बटन पर क्लिक करें। किसी यूज़र की पोस्ट को अप्रूव करने के लिए ‘एड टू टाइमलाइन’ और हाइड या नज़रअंदाज़ करने के लिए इग्नोर करें।किसी पोस्ट में दूसरे यूज़र को टैग कैसे करेंकिसी कमेंट या स्टेटस में दूसरे यूज़र को टैग करने के लिए ‘@’ करें और फिर जिस यूज़र को आप टैग करना चाहते हैं उसका नाम टाइप करना शुरू करो। फेसबुक आपको अपने आप नाम का सुझाव देगा। इसके बाद आप टैग के लिए नाम को सेलेक्ट कर सकते हैं।टैगिंग का मतलब क्या है?किसी पोस्ट, तस्वीर या स्टेटस अपडेट में किसी दूसरे यूज़र को शामिल करना टैगिंग है। टैग करने से उस यूज़र को नोटिफाई किया जाता है कि किस दूसरे यूज़र ने किसी पोस्ट या तस्वीर में उन्हें टैग किया है।फेसबुक पर किसी दूसरे यूज़र द्वारा किए गए टैग को कैसे हटाएं?यदि किसी यूज़र ने एक पोस्ट में अपने दोस्त को टैग किया है और वह उसे हटाना चाहता है। तो तस्वीर पर क्लिक करें, और नीचे दिख रहे ऑप्शंस में जाकर रिमूव टैग करें। अपनी टाइमलाइन पर जाकर, जिस स्टोरी से टैग हटाना चाहते हैं उसके ड्रॉपडाउन मेन्यू में जाकर रिमूव टैग का विकल्प चुनें। इसके अलावा अगर आप चाहते हैं कि पोस्ट आपकी टाइमलाइन पर नहीं दिखे, तो आप हाइड फ्रॉम टाइमलाइन का विकल्प भी चुन सकते हैं।खबर से जुड़ा GK फेसबुक पर आप जो भी पोस्ट करते हैं, यदि उसमें किसी अन्य यूज़र को टैग किया है तो वह पोस्ट उस यूज़र की टाइमलाइन पर भी दिखती है। उदाहरण के लिए, आप किसी तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति को उस तस्वीर में पोस्ट कर सकते हैं। या किसी स्टेटस अपडेट में उस व्यक्ति का ज़िक्र कर सकते हैं जिसके साथ आप थे। अगर आप अपने स्टेटस अपडेट में किसी दोस्त को टैग करते हैं, तो जिस भी यूज़र को वह अपडेट दिखता है वह आपके दोस्त के नाम पर क्लिक कर उनकी प्रोफाइल देख सकता है।

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